
बिलासपुर। पीसीसी के प्रदेशप्रवक्ता शैलेष पांडेय ने शहर की अव्यवस्थाओं के विरोध में अपना बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने विभिन्न निकायों के विभागों के कागज़ी काम दिखाने व असल विकास ना होने पर सत्ताधारी सरकार की निंदा की है, जारी प्रेस नोट में नेता शैलेश ने कहा कि छोटे-छोटे मूलभूत कार्यों को पूरा कराने स्वयं उच्च न्यायालय को निर्देश देना पड़ रहा है यह दुर्भाग्यजनक है।
उन्होंने आगे कहा कि सुशासन के नाम पर 15 साल से सत्ता सुख भोग रहे कॉरपोरेट सरकार और मंत्रियों को इस्तीफा देकर अपने पाप कर्मों प्रायश्चित करना चाहिए, छत्तीसगढ़ में बीते 15 साल से विकास और सुशासन का ढोंग पीटकर कागज़ी दामों में इठलाने लाने वाली सरकार को इस बात पर भी शर्म नहीं आ रही है, कि पीलिया जैसी बीमारी के जतन के लिए हाईकोर्ट को दखल देना पड़ रहा है बात यहीं पर खत्म नहीं हो रही है सड़क, नाली, पानी, प्रदूषण, जंगली जानवरों का राजधानी में घुसना और अब पीलिया के लिए भी उच्च न्यायालय को निर्देश देना पड़ रहा है।
शैलेश ने कहा की छत्तीसगढ़ सरकार में बीजेपी के शासन का आलम ऐसा ही है कि प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री रमन सिंह के जिले को केंद्र सरकार द्वारा नक्सल जिला घोषित कर दिया जाता है और मुख्यमंत्री नक्सली खात्मा का दावा करते घूम रहे हैं। इतना ही नहीं जंगलराज और जंगल के काम करने के तरीकों का मसला भी यह है कि कुछ दिन पहले हाथियों का जत्था राजधानी मुख्यमंत्री निवास के आसपास घुस गया और पूरे प्रदेश का वन अमला भ्रष्टाचार की नींद सो रहा है।
शैलेश ने जानकारी देते हुए बताया कि राजधानी रायपुर के नहरपारा को खाली कराने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया है, जहां स्वयं मुखिया और मंत्री मंडल निवास करता है वहां स्वास्थ्य की इतनी खराब स्थिति है कि न्यायालय को यह बोलना पड़ रहा है कि सरकार ठीक से व्यवस्था करें। शैलेश बोले कि यह इस बात इस ओर इशारा करता है कि अब भाजपा सरकार के दिन पूरे हो गए हैं, ऐसे में अब तो मुख्यमंत्री और पूरे मंत्रिमंडल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।