
बिलासपुर। लंबे समय तक मेहनत कर परीक्षा की तैयारी करना और जब परीक्षा के समय परीक्षा हॉल पहुंचने पर पेपर हाथ में आ जाने के बाद जैसे ही मन लगाकर लिखना शुरू करें इसी बीच वहां की बिजली गुल हो जाए मौसम खराब होने के कारण हॉल में रोशनी भी ना आए तब कैसे हालात होंगे, यह गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की सेमेस्टर की मुख्य परीक्षा दिला रहे छात्रों से बेहतर कौन समझ सकता है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय गुरुघासीदास विश्वविद्यालय में मंगलवार को दूसरे पाली में दोपहर 2 से 5 बजे मुख्य सेमेस्टर परीक्षा के दौरान बिजली चली गई, मौसम ख़राब होने के कारण परीक्षा हॉल में भी कोई व्यवस्था ना होने के कारण अंधेरे में ही परीक्षार्थियों को परीक्षा देनी पड़ी, विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की वैकल्पिक प्रकाश व्यवस्था नहीं की गई थी, जिसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ा और उन्हें लगभग 40 से 50 मिनट तक अँधेरे में ही बैठे रहना पड़ा, जबकि इतना समय उनका पूरी तरह व्यर्थ गया।
इस दौरान फार्मेसी बिल्डिंग में ही परीक्षा दे रहे छात्र-परिषद के पूर्व अध्यक्ष सिद्धार्थ शुक्ला एवं वर्तमान परिषद के सदस्य सुशोभित लाल ने हंगामा किया जिसके पश्चात फार्मेसी विभाग मात्र में इमरजेंसी लाइट की व्यवस्था की गई जिसकी रोशनी भी अपर्याप्त थी, छात्रों के हंगामें को देखते हुए आनन-फानन में 1 इमरजेंसी लाइट की और व्यवस्था की गई फिर भी रोशनी अपर्याप्त ही थी जिसके बावजूद मज़बूरी में परीक्षा में बैठना पड़ा।
इसके पश्चात छात्रों ने जब कुछ समय अतिरिक्त देने की मांग की तो पर्यवेक्षक ने इनकार कर दिया जिससे पूर्व अध्यक्ष, सदस्य समेत सभी छात्र-छात्राएं उग्र हो गए और शोर मचाने लगे जिसके पश्चात फार्मेसी बिल्डिंग के परीक्षा केंद्राध्यक्ष प्रो.एस.आर. बोडके को बुलाया गया और छात्र नेताओं ने उन्हें अव्यवस्था को लेकर घेरते हुए 15 मिनट अतिरिक्त समय देने की मांग की गई जिसपर उन्होंने पहले मना कर दिया फिर विवाद बढ़ता देख उन्होंने उच्च अधिकारियों से चर्चा कर छात्रों की मांग पर अतिरिक्त समय देने की बात कही।
बता दें कि अन्य किसी भी परीक्षा केंद्रों पर किसी भी प्रकार की न तो प्रकाश व्यवस्था की गई थी और ना ही छात्रों को अतिरिक्त समय दिया गया जिसकी जानकारी लगने पर परीक्षा उपरांत छात्र-परिषद के पूर्व अध्यक्ष और सदस्य कुलसचिव से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा और यह मांग रखी कि व्यवस्था को त्वरित ही दुरुस्त करवा लिया जाए अन्यथा छात्र-परिषद आंदोलन के लिए बाध्य है और परीक्षा भी बाधित होगी जिसकी जिम्मेदारी पूर्ण रूप से कुलपति, कुलसचिव एवं अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की होगी इसपर कुलसचिव ने त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया।