
रायपुर। प्रदेश शिक्षाकर्मीयों के संविलियन की मांगों पर विचार करने के लिए गठित की गई हाईपावर कमेटी की बैठक बारम्बार टलने के बाद अंततः आज सम्पन्न हो गई, बैठक के पहले पूरे प्रदेश के शिक्षाकर्मियों की उम्मीदभरी नजरें 1 मई की इस बैठक में टकटकी लगाए थी कि आज संविलियन की घोषणा निश्चित हो जाएगी इसके ठीक विपरीत बैठक के बाद पूरे प्रदेशभर के शिक्षाकर्मियों में सरकार के प्रति फिर वही आक्रोश आ गया जो पूर्व में हड़ताल में दिखा था, संविलियन की मांगे पूरी ना होने पर शिक्षाकर्मी संघ की नाराज़गी आज की बैठक में साफ-साफ देखने को मिली।
बैठक के उपरांत पत्रकारों से बात करते हुए प्रांतीय संचालक ने कहा कि सरकार का संविलियन का कोई इरादा नहीं कमेटी केवल समय पर समय बढ़ाना चाहती है, इससे शिक्षक पँचायत नगरीय निकाय मोर्चा नाराज़ है। उन्होंने बताया कि 11 मई को राजधानी में महापंचायत का आयोजन किया जाएगा जिसमें प्रदेश भर के सभी शिक्षाकर्मी जुटेंगे इसके बाद ही आगे की रुपरेखा तय की जाएगी।
पहले भी शासन ने अपनी टीम राजस्थान भेजी थी जबकि राजस्थान में कई सकारात्मक चीजें हैं उन्हें गठित कमेटी ने नहीं बताया इसके साथ ही मध्यप्रदेश में भी संविलियन की घोषणा हो चुकी है। संघ के प्रांतीय संचालक ने कहा कि हमारी मांगो को निरंतर टालने की कोशिश की जा रही है जिससे शिक्षाकर्मी संघ नाराज़ हैं।
शिक्षाकर्मी संघ के प्रांतीय उप-संचालक ने बताया कि सरकार द्वारा 3 महीने के लिए कमेटी का गठन किया गया था, अबतक लगभग 4 से 5 महीने हो गए और ये समय भी कमेटी के लिए कम पड़ रहा है, जिससे साफ तौर पर ज़ाहिर है कि संविलियन के मुद्दे पर सरकार टालमटोल कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार की विकास यात्रा जब गांव की ओर जाएगी तब प्रदेश के 1 लाख 80 हज़ार शिक्षाकर्मी राजधानी में महापंचायत करेंगे और यही तय किया जाएगा कि किस तरह आगे का प्रदर्शन हम अपनी मांगों को लेकर करेंगे।
बहरहाल अब देखना यह होगा कि सरकार के संविलियन के मुद्दे पर उदासीनता को लेकर शिक्षाकर्मियों का आक्रोश किस हद तक जाता है, आपको यह बात दें कि पहले भी यह आक्रोश भयावह रूप ले चुका है कि हालांकि इस इस समय सरकार ने शिक्षाकर्मियों की मांगों पर विचार का आश्वासन देकर उनका हड़ताल भंग करवाया था।