
रायपुर। अपराध अनुसंधान विभाग पुलिस मुख्यालय के तत्वाधान में ’पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजन आज पुलिस लाइन रायपुर स्थित ट्रांजिट मेंस के सभागार में किया गया इसका शुभारंभ अपराध अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक आर.के.बिज ने किया।
इस अवसर पर आर.के.विज ने जानकारी देते हुए कहा कि अपराध की कोई भी घटना हो उसमें अपराधी के अलावा पीड़ित पक्ष होता है, जिसे मुआवजा मिलने का प्रावधान है उन्होंने बताया की यह मुआवजा राशि पुलिस अधीक्षक के अभिमत पश्चात कलेक्टर के माध्यम से मिलती है।
इस अवसर पर आरके बिज ने बताया कि इसी प्रकार न्यायालय द्वारा भी पीड़ित को भी मुआवजा प्रदान किए जाने का आदेश पारित किया जाता है, अतः पीड़ितों को मुआवजा दिलाने में पुलिस को सकारात्मक रूप से कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया की आरोपी और पीड़ित दोनों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करें और आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सीय सुविधा भी शीघ्र उपलब्ध कराएं।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विज ने सड़क दुर्घटनाओं के संबंध में बताया कि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में जान गवांने अथवा घायल व्यक्तियों के लिए भी मुआवजे का प्रावधान निर्धारित है। यदि किसी अज्ञात वाहन द्वारा दुर्घटना को अंजाम दिया जाता है, तो भी निर्धारित बीमा कंपनी द्वारा पीड़ित व्यक्तियों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
कार्यशाला में रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रदीप गुप्ता ने पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पीड़ितों को क्षतिपूर्ति प्रदाय किए जाने का प्रावधान काफी पुराना है। अतः इस ओर पुलिस अधिकारियों को और जिम्मेदारी से प्रयास करने की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा कि पुलिस अधिकारियों को अपनी विवेचना में त्वरित कार्रवाई करने पर और पीड़ितों की मदद करने पर बहुत से अपराध को शीघ्र हल किया जा सकता है।
उन्होंने सभी पुलिस थानों में पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रदान किए गए सीसीटीव्ही कैमरे को सदैव चालू रखने के निर्देश दिए, ताकि सदैव निगरानी रखी जा सके।
कार्यशाला में सहायक पुलिस महानिरीक्षक यातायात जितेन्द्र सिंह मीणा ने प्रदेश में होने वाली सड़क दुघर्टनाओं और उन्हें रोके जाने वाले किए गए कारगर उपायों की जानकारी दी। इस कार्यशाला में अपर कलेक्टर रायपुर रेणुका श्रीवास्तव भी उपस्थित रही कार्यक्रम का संचालन पुलिस अधीक्षक एम.एन.पाण्डेय ने किया।
