रायपुर। प्रदेश सरकार की कैबिनेट आज बैठक रखी गयी, जिसमें एक प्रस्ताव पारित कराने से पूर्व जमकर विवाद हुआ इस अवसर पर कई मंत्रियों के अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर विरोध प्रदर्शित किया। वाद-विवाद की स्थिति कैबिनेट मीटिंग में तब आई जब अनिवार्य सेवानिवृत्ति के मसले पर अपील व विमर्श करने के लिए समिति गठित करने का प्रस्ताव आया।
इस दौरान ज़्यादातर मंत्री नाराज़ हो गए यह जानकारी जनता जोगी काँग्रेस के प्रदेशप्रवक्ता मनीशंकर पांडेय ने एक प्रेस नोट जारी कर दी है।
मनीशंकर ने आगे बताया की इस विषय को लेकर नाराज़ मंत्रियों ने सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव व मुख्य सचिव से तीखे सवाल किए, उन्होंने कहा कि साल 2017 में कैबिनेट ने इसी प्रावधान में संशोधन कर इसे हटाया फिर दोबारा समिति बनानी ही थी तो फिर इसे हटाने का औचित्य क्या था? इस बात से मंत्री नाराज़ दिखे। स्थिति इतनी बिगड़ गई की सीएम को स्वयं बीच-बचाव में हस्तक्षेप करना पड़ा इसके बाद जीएडी प्रस्ताव अनुमोदित किया गया।
पांडेय ने आगे कहा की राज्य शासन द्वारा 47 पुलिसकर्मियों को उनकी कमजोर परफॉर्मेंस की वजह से हटा दिया गया इसका भी विरोध किया गया, इसके पश्चात अनिवार्य सेवानिवृत्ति को लेकर जमकर विरोध किया, आरोप लगाया गया की आदिवासी समाज को टारगेट करते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई।
मनीशंकर जानकारी देते हुए बताया की कई पुलिसकर्मियों ने इस मामले में सरकार के फैसले के विरोध में कोर्ट में याचिका लगाई, सरकार के कई मंत्रियों ने भी पुलिसकर्मियों को हटाए जाने के फैसले को लेकर आपत्ति दर्ज की है, मनीशंकर ने प्रेस नोट में सरकार के इन कार्यों की कड़ी निंदा की है।