
बिलासपुर। हाईकोर्ट द्वारा मंगलवार को जिला सहकारी बैंक के संचालक मंडल को निरस्त कर दिया है। इसके पश्चात जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की जिम्मेदारी फिर से कलेक्टर के हाथ में आ गयी है। राज्य शासन और हाईकोर्ट के निर्देशानुसार कलेक्टर पी. दयानंद ने बुधवार को पदभार ले लिया।
बता दें कि इस मामले में हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया जिसमें जिला सहकारी बैंक संचालक मंडल को नियमों के अनुरूप ना होने पर बर्खास्त कर दिया गया।
मिली जानकारी में पता चला है कि संचालक मंडल के अध्यक्ष मुन्नाराम राजवाड़े व अन्य सदस्य जनप्रतिनिधि ने नियमों का सही ढंग से पालन नहीं करते थे।
जानकारी है कि संचालक मंडल अध्यक्ष सहकारी दुग्ध समिति कोरबा का नेतृत्व करते हैं, इसके लिए समिति द्वारा उनका चयन किया गया, जिसमें पंजीयक द्वारा मुन्नाराम राजवाड़े को जनप्रतिनित्व के खिलाफ तोहमत कर संचालक मण्डल को बर्खास्त किया था।
इसके बाद मुन्नाराम ट्रिब्यूनल की शरण में गया, ट्रिब्यूनल ने इस मामले में स्टे जारी किया, और 20 फरवरी के फैसले में काम जारी रखने का आदेश जारी किया, इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
23 अप्रैल सोमवार को हाईकोर्ट की सिंंगल बेच ने मुन्नाराम समेत संचालक मण्डल के निर्वाचन को जनप्रतिनित्व नियम के विरुद्ध पाया इसके पश्चात उच्च न्यायालय द्वारा संचालक मण्डल को अवैध मान निरस्त करने का आदेश जारी किया।