
बिलासपुर/(सत्येंद्र वर्मा )आज दोपहर मुंगेली निवासी लगनी बाई पति छोटेलाल ठाकुर अपने बेटी को लेने पुराने बस स्टैंड आई थी, जहां उसे उसके ही गांव कोदवा का पूर्व सरपंच साहू मिला और उसके प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत होने की जानकारी देते हुए उसे एक कागज जिसमें उसका और उसके पति का नाम दर्ज होना बताकर, अपने विश्वास में ले लिया। उसके कथनानुसार आवास का पैसा निकालने अधिकारी को पैसा देना होगा इसलिए पैसे दो तो अधिकारी से मिलकर आता हूं। गरीब बुजुर्ग महिला के कथनानुसार मेरे पास पैसे नहीं थे मैंने कान और गले में पहने सोने के जेवर उतार कर दे दिए जिसकी कीमत 35 हजार थी, बुजुर्ग महिला के अनुसार आरोपी उसे निगम कार्यालय के गेट के पास बिठाकर रफ़ू-चक्कर हो गया। दो घंटे बाद उसके नहीं आने से महिला को खुद को ठगे जाने का संदेह हुआ।बुजुर्ग महिला को सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराए जाने की सलाह लोगों ने दी है।
बहरहाल यदि कलेक्ट्रेट परिसर क्षेत्र में एक बुजुर्ग महिला शासन की योजना के नाम पर ठगी की शिकार हो रही है तो मतलब साफ की ठग और इस तरह की घटनाओं को बेख़ौफ़ अंजाम देने वाले शातिर लोगों का गिरोह खुलेआम घूम रहा है और पुलिस प्रशासन को अब तक खबर ही नहीं। ऐसे में क्या उस बुजुर्ग महिला का कलेक्ट्रेट परिसर में ठगा जाना, पुलिस की व्यवस्था पर सवाल नहीं खड़ा करता?