रायपुर। छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) के संस्थापक अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री ने एक प्रेस नोट जारी कर अपना बयान दिया है इस बयान में उन्होंने प्रदेश की सरकार को धान समर्थन मूल्य के भाव अंतर योजना के माध्यम से घेरा है।
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने अपने बयान में कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 के लिए चना का समर्थन मूल्य रूपए 44 सौ प्रति क्विंटल घोषित किया गया है, यह समर्थन मूल्य भारत के सभी राज्यों के लिए लागू किया जाना है उन्होंने आगे कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा भारत सरकार के द्वारा घोषित समर्थन मूल्य को लागू करने के लिए भाव अंतर योजना लागू किया गया है। इस योजना के तहत कृषकों को अंतर की राशि का भुगतान उनके खाते में जमा किया जाता है जिसकी सूचना कृषक को एसएमएस के द्वारा दिया जाता है इस योजना का लाभ पाने के लिए कृषकों को कृषि उपज मंडी का विक्रय स्लिप विभाग को अपनी कृषि भूमि के विवरण के साथ निर्धारित प्रारूप में जमा करना होता है, मध्यप्रदेश शासन के द्वारा घोषित समर्थन मूल्य को इस प्रकार निम्न उदाहरण से समझा जा सकता है।
उन्होंने मध्यप्रदेश योजना में लागू भाव अंतर योजना का उदाहरण देते हुए कहा है की एमपी में राज्य शासन प्रति एकड़ 6 क्विंटल चना का समर्थन मूल्य केन्द्र सरकार के द्वारा घोषित समर्थन मूल्य रूपये 44 सौ की अंतर राशि कृषक को उनके खाते में भुगतान कर किया जाता है।
उन्होंने आगे इस मामले में एक कृषक का उदाहरण देते हुए बताया कि भाव अंतर योजना कैसे काम करती है जोगी ने कहा कि यदि ‘मोहन’ नाम का कृषक अपने एक एकड़ जमीन में पैदा हुए चना को कृषि उपज मंडी में रूपये 3 हजार प्रति क्विंटल की दर से विक्रय करता है। जिसकी राशि संबंधित व्यापारी से वह 6 क्विंटल का मूल्य रूपये 18 हजार प्राप्त करता है तथा शेष राशि 84 सौ उसके खाते में शासन द्वारा जमा किया जाता है इस प्रकार मध्यप्रदेश के कृषक भाव अंतर की राशि प्राप्त कर लाभान्वित हो रहे हैं।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के संस्थापक अध्यक्ष अजीत जोगी ने आगे जारी प्रेस नोट में कहा कि मध्यप्रदेश राज्य के विपरित छत्तीसगढ़ में प्रति एकड़ 15 सौ का प्रोत्साहन मूल्य दिए जाने की घोषणा शासन द्वारा किया गया है, राज्य सरकार के द्वारा घोषित यह मूल्य मध्यप्रदेश सरकार की तुलना में ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत को चरितार्थ करता है।
जोगी ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ का कृषक सरकार के इस रवैये से ठगा सा महसूस कर रहा है, छत्तीसगढ़ के कृषकों को प्रति क्विंटल रूपये 3 हजार की दर से चना विक्रय करने पर मध्यप्रदेश की तुलना में 14 सौ का नुकसान है, किसी भी कृषक के लिये यह बड़ी राशि है एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी जी 2022 तक कृषि आय दुगना करने की घोषणा करते थक नहीं रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ की भारतीय जनता पार्टी की खुद की सरकार केन्द्र शासन द्वारा घोषित चना का समर्थन मूल्य नहीं दे पा रही है जो केवल एक चुनावी जुमला ही कहा जा सकता है।
इस प्रेस नोट के माध्यम से जोगी ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि किसानों को केन्द्र सरकार द्वारा घोषित चना का समर्थन मूल्य प्रदान करे अथवा मध्यप्रदेश सरकार की तरह छत्तीसगढ़ में भी ‘‘भाव अंतर योजना’’ को लागू करें ताकि किसानों को फसल का उचित मूल्य प्राप्त हो। साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि यदि सरकार चना के समर्थन मूल्य पर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाती तो मजबूरन जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को किसानों के हित में आंदोलन करने बाध्य होना पड़ेगा।