
रायपुर। शिक्षक पंचायत मोर्चा के प्रांतीय उपसंचालक ने एक प्रेस नोट जारी कर संविलियन के मुद्दे पर अपना बयान दिया है इसमे उन्होंने संविलियन के समर्थन में अपनी बात रखते हुए सरकार पर निशाना साधा है, उन्होंने सरकार द्वारा संविलियन के मामले में साधी चुप्पी की निंदा की है। अपनी बात में उन्होंने इन मुद्दों का जिक्र करते हुए अपनी बात प्रेस नोट के माध्यम से रखी है।
प्रान्तीय उपसंचालक जितेंद्र शर्मा ने कहा कि संविलियन ना चाहने वालों को शायद यह मंजूर है कि वेतन के लिए हर बार 2 से 3 महीने का इंतजार करना पड़े और कभी कभी 4 से 6 महीने भी क्योंकि वेतन दूसरी योजनाओं की तरह आबंटन मद से मिलता है जबकि नियमित शिक्षक को शासन के खजाने से और वो भी प्रत्येक महीने के 1 तारीख को उनके खाते में रकम हस्तांतरित कर दी जाती है। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षाकर्मी की मृत्यु हो जाने से पत्नी, बच्चे और परिवार दर दर की ठोकर खाने पर मजबूर हो जाते हैं, क्योंकि शिक्षाकर्मी अनुकम्पा नियम अत्यंत जटिल है, जबकि नियमित शिक्षक के आश्रित को तत्काल अनुकम्पा मिल जाती है साथ ही स्टाफ बीईओ, डीईओ सभी जगह दोहरे मापदण्ड का शिकार शिक्षाकर्मी को होना पड़ता है, जबकि हर जगह नियमित शिक्षक को प्राथमिकता दी जाती है और संविलियन से ही हमारी अस्मिता और सम्मान की प्राप्ति हमें होगी।
उन्होंने आगे संविलियन का समर्थन करते हुए कहा कि संविलियन यानि सुरक्षित सेवाकाल और उज्ज्वल भविष्य है समस्त विसंगतियां अपने आप दूर हो जाएगी क्योंकि तब आपको सातवां वेतनमान मिलेगा ना कि पुनरीक्षित या समतुल्य। वर्तमान वेतन विसंगति सिर्फ इसलिए क्योंकि हमें छठवां वेतनमान नही बल्कि इसके समतुल्य मिल रहा है, नियमित शिक्षक को मिलने वाले समस्त भत्तों से भी दूर हैं जो संविलयन पश्चात मिलने लगेगा उन्होंने अपनी बात में कहा कि सीपीएस कटौती मूल वेतन पर होता है किन्तु संविलियन के पश्चात समग्र वेतन पर इसकी कटौती की जाएगी जिससे भविष्य सुरक्षित हो सकेगा।