
बिलासपुर। सेंट्रल जेल में बंद कैदियों के नियमित निरीक्षण के लिए अपर कलेक्टर गुरुवार को जेल पहुंचे, एडिश्नल कलेक्टर केडी कुंजाम ने इस दौरान बंदियों के लिए जेल प्रबंधन द्वारा की गई खाद्य ,सुरक्षा,व्यवस्था का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया गया,कैदियों के स्वास्थ्य और खानपान की व्यवस्था का भी जायजा लिया गया, उन्होंने इस दौरान जेल में बंद कैदियों व जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा की।
विशेष सूत्रों के मुताबिक जिला प्रशासन को केंद्रीय जेल में बंद बंदियों के साथ उनके रसूख ,रुतबा और हैसियत के हिसाब से सुविधाएं मुहैय्या कराये जाने की गंभीर शिकायतें लगातार मिल रही थी जेल में इस अमीर और गरीब बंदियों के बीच हो रहे भेदभाव से बंदियों के बीच तनाव ही शिकायत का कारण माना जा रहा है। इसी शिकायत ने रूटीन चैकअप से पहले ही एडिश्नल कलेक्टर को सेंट्रल जेल पहुंचने पर मजबूर कर दिया, किन्तु बुद्धिजीवी इसे जेल प्रबंधन और प्रशासन के द्वारा किया जाने वाला दिखावा मानते है। जेल की सच्चाई तो जेल की सजा काट कर आने वाले कैदी से पूछी जाय।
एडिश्नल कलेक्टर केडी कुंजाम ने इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि निरीक्षण के दौरान जेल के भीतर व बाहरी व्यवस्थाओं को सामान्य पाया गया है, किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं पाई गई है, इस जांच की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंप दी जाएगी।
बहरहाल स्थानीय प्रशासन की जांच टीम प्रमुख द्वारा भले ही निरीक्षण को रूटीन जांच और सभी कुछ सामान्य कहा जा रहा है ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि अगर जेल के भीतर सब कुछ सामान्य है तो आये दिन जेल में बंद कैदियों से मिलने आये परिजन अपने साथ हजारों रुपये किसे देने लाते हैं जेल परिसर की दीवारों में छुपे राज भले ही दीवारों में दफन है लेकिन ये कहावत आपने भी सुनी होगी कि दीवारों के भी कान होते हैं ।