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भूपेश का अमित को जवाब, मरवाही विधायक कर रहे हैं भ्रामक प्रचार……

रायपुर। कुछ दिन पूर्व मरवाही विधायक व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के संस्थापक सदस्य अमित जोगी ने पेण्ड्रा-गेवरा रेल लाइन कॉरिडोर के रूट बदलने के लिए कांग्रेस द्वारा प्रतिवेदन दिए जाने का आरोप लगाया था, इसके बाद कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष ने इस मामले में बयान देते हुए अमित के इन आरोपों की निंदा की है उन्होंने कहा कि मरवाही विधायक को गलतफहमी है, वह इस मसले का भ्रामक प्रचार कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि कांग्रेस द्वारा पेण्ड्रा-गेवरा रेल लाइन के रूट बदलने के किसी भी प्रयास में शामिल नहीं है।
पीसीसी अध्यक्ष भूपेश ने कहा कि मरवाही विधायक भ्रामक प्रचार कर रहे है, पेण्ड्रा-गेवरा रेल लाइन के रूट बदलने के किसी भी प्रयास से कांग्रेस का कोई वास्ता नहीं है उन्होंने पेण्ड्रा-गेवरा रेल लाइन के रूट में बदलाव संबंधी किसी प्रयास के होने या उससे कांग्रेस के किसी भी नेता का नाम जोड़े जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है।

भूपेश ने इस मामले में पलटवार करते हुए कहा कि मरवाही विधायक का फ़र्ज़ है कि वह आदिवासियों और किसानों को न्याय दिलाते लेकिन वे स्वयं ठेकेदार कंपनी के साथ मिलकर अन्याय को समर्थन दे रहे, जबकि कांग्रेस प्रभावित किसानों और वन अधिकार के पात्र लोगों को मुआवजा और रोजगार दिलाने की लड़ाई लड़ रही है, आगे बघेल ने बताया कि प्रभावित लोगों में सर्वाधिक संख्या गरीब आदिवासी परिवारों की है उसके बावजूद आज तक मरवाही विधायक उन्हें न्याय दिलाने के लिए कभी खड़े नही हुए जो यह साबित करता है कि उनकी कोई भी सहानुभूति आदिवासियों के साथ नही है, इससे यह भी साबित होता है कि वे आदिवासी है ही नही। 

एनजीटी याचिका में कांग्रेस ने नहीं अधिवक्ता ने दायर की है :  भूपेश

पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल ने अपनी बात में कहा है कि एनजीटी में दायर याचिका किसी कांग्रेस नेता ने नहीं एक अधिवक्ता ने दायर की है, जो एक स्वतंत्र व्यक्ति है और कांग्रेस का सदस्य भी नहीं है। याचिका में वन सरंक्षण अधिनियम एवं वन अधिकार कानून 2005 के परिपालन की मांग की गई है ना की रेल लाइन का रूट बदलने की, उन्होंने आगे बताया कि  एनजीटी के अधिकार क्षेत्र में यह आता ही नही है कि किसी परियोजना को दूसरी जगह बनाने के लिए वह सुझाये, यह काम सरकार का है और उसके बाद एनजीटी का काम उसमें वन और पर्यावरण के कानूनों का पालन कराने का है।

मिलीभगत छिपाने के लिए ये सब कर रहे हैं

भूपेश ने आगे अमित पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह का भ्रामक प्रचार मरवाही विधायक और कोरबा के भाजपा सांसद के पुत्र के नापाक गठजोड़ को छुपाने के लिए है, भूपेश ने आगे कहा कि आज डेढ़ साल से कोरबा सांसद के पुत्र की कंपनी मरवाही पेंड्रा क्षेत्र में काम कर रही है और हजारों की संख्या में प्रभावित किसान यह बात कह रहे हैं कि रेल लाइन अधिग्रहित ज़मीन से कही अधिक ज़मीन पर कब्जा करके ठेकेदार कंपनी काम कर रही है, आगे उन्होंने कहा की 1976 के बाद के किसी भी वन अधिकार पट्टे को राज्य शासन या रेल कंपनी मान्यता नही दे रहा है जो कि यूपीए चेयरमैन सोनिया गांधी के अथक प्रयासों द्वारा बनवाये गए वन अधिकार कानून 2005 का खुला उलंघन है, इन सब के बावजूद मरवाही विधायक का किसानों के बजाय कंपनी के साथ खड़े होना यह साबित करता है कि इस शोषण में वह स्वयं भागीदार है।

पीसीसी अध्यक्ष ने कहा कांग्रेस नहीं कर रही रेल परियोजना का विरोध

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस रेल परियोजना का विरोध नही कर रही है वस्तुतः 2012 का एमओयू और 2013 के रेल विभाग की मंजूरी मनमोहन सिंह सरकार की ही देन है, लेकिन इस के साथ-साथ वन पर्यावरण हानि को रोकने के सभी उपाय जिनमे वन भूमि पर काबिज सभी लोगों को मुआवजा और पुनर्वास, अधिक कब्जा की गई जमीनों के निराकरण और क्षेत्र में हो रहे अवैध उत्खनन को रोकने के लिए कदम उठाना भी उतना ही जरूरी है। परियोजना के पुनर्वास योजना के तहत हर प्रभावित परिवार को प्रतिवर्ष पचास हजार रुपए की राशि और एक व्यक्ति को स्थायी रोजगार भी दिया जाना चाहिए, ये क्षेत्र हाथी और भालू प्रभावित क्षेत्र है इसलिए उनके बचाव के पर्याप्त उपाय आवश्यक हैं।
भूपेश ने आगे कहा की कांग्रेस हमेशा से ही कमजोर व्यक्ति की आवाज उठाती आई है, एक साल पहले भी कांग्रेस ने इन मांगों पर बिलासपुर जाकर धरना दिया था। आज भी पार्टी इस लड़ाई को पूरी ताकत से लड़ेगी और किसी भी दुष्प्रचार से ये लड़ाई कमजोर नही होने दी जाएगी। 

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