नई दिल्ली। राज्यों के बीच ई-वे बिल बनाने में गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश तथा केरल का संयुक्त रूप से योगदान 61 प्रतिशत है। जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने कल यह कहा। गौरतलब है कि एक अप्रैल से एक राज्य से दूसरे राज्यों में 50,000 रुपए से अधिक मूल्य के सामान को लाने- ले जाने के लिए इलेक्ट्रानिक वे या ई-वे बिल अनिवार्य हो गया है।
जीएसटीएन ने एक बयान में कहा, ” गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश तथा केरल इस मामले में आगे रहा है और ई- वे बिल सृजन के मामले में शीर्ष राज्यों के रूप में उभरा है। देश में आठ अप्रैल तक सृजित कुल ई- वे बिल में इन पांच राज्यों की हिस्सेदारी 61 प्रतिशत है।’’
यह संयोग है कि सरकार ने पहले चरण में वस्तुओं की राज्य के भीतर माल ढुलाई के लिए ई- वे बिल के क्रियान्वयन को लेकर इन्ही पांचों राज्यों को चुना है। गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश तथा केरल 15 अप्रैल से राज्यों के भीतर ई – वे बिल सृजित करना शुरू करेंगे। कुल मिलाकर कल तक 63 लाख ई – वे बिल सृजित किए गए हैं। कर्नाटक एकमात्र राज्य है जिसने एक अप्रैल से वस्तुओं की राज्य के भीतर परिवहन के लिए ई- वे बिल व्यवस्था लागू की है।