बिलासपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रभारी मंत्री जय सिंह अग्रवाल, कमिश्नर संजय अलंग, सांसद अरुण साव, कलेक्टर सौरभ कुमार, SSP पारूल माथुर और जनता के हितैषी बनने वाले नेताओं के रहने के बावजूद भी सुरक्षित नहीं है बिलासपुर के पत्रकार, वकील और भोली-भाली जनता, इस तरह की लगातार हो रही घटनाओं ने किया साबित, देखिए VIDEO
मृतक हरीश चंद्र गेंदले की माँ
आप पार्टी प्रवक्ता प्रियंका शुक्ला ने विरोध के दौरान बिलासपुर पुलिस को बताई उनकी ड्यूटी.
बिलासपुर: पिछले कुछ सालों से अशांति फैलाने वालों के कारण बिलासपुर की कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी है. ये हम नहीं बिलासपुर में लगातार हो रही घटनाएं बयाँ कर रही हैं. कभी सत्ता से जुड़े टुटपुँजिये नेता द्वारा थाने में घुसकर धमकी दी जाती है, कभी कलेक्टर एक वकील को अपने कक्ष से ये बोलकर बाहर निकाल देता है कि जाओ बता देना मुख्यमंत्री को कि मैंने आपको चेंबर से निकाला है, कभी पीड़ित पत्रकार को SSP पारुल माथुर
इस तरह का मैसेज करती हैं तो कभी पुलिस के जवान को सत्ता से जुड़ा जनप्रतिनिधि धमकी देता है और ऐसे ढेरों मामले हैं जिससे सरकार की छवि खराब होना लाजमी है.
कल हद तो तब हो गई जब बिल्हा थाना के भैंसबोड़ में पुलिसिया कार्रवाई से झुब्ध होकर युवक ने जान दे दी. इस मामले में ग्रामीणों के बढ़ते विरोध के चलते आरोपी आरक्षक रूप लाल चंद्रा को केवल लाइन अटैच किया गया है.
इतना सब होने के बाद भी AC चेंबर में बैठे नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के कानों में जू तक नहीं रेंगी है और ना ही पीड़ितों के पक्ष में कोई ठोस निर्णय नहीं लिए गए हैं. आज भी पीड़ितों को न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
जनता के सेवक भूपेश बघेल को बदमाश किस्म के लोगों पर अंकुश लगाने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है, तभी कानून व्यवस्था सुधरेगी.