ब्रेकिंग
खड़कपुर मंडल रेल हादसा: रेलवे ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर बिलासपुर: संभागीय सम्मेलन को सफल बनाने की बड़ी जिम्मेदारी मिली विजय और शैलेश को बिलासपुर: एआईसीसी अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रथम मस्तूरी विधानसभा आगमन पर सोनसरी ... बिलासपुर: SECL के गेस्ट हाउस की बिजली गुल, केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे पसीना पोंछते हु... कला विकास केंद्र बिलासपुर की छात्रा साई श्री इजारदार कथक में केंद्रीय छात्रवृत्ति के लिए चयनित बिलासपुर: कोटवार, पटवारी और राजस्व अधिकारी के रहते रमतला की सरकारी जमीन आरोपी प्रवीण पाल के नाम से क... बिलासपुर: 5 सरपंच एवं 12 पंच पदों के लिए 27 जून को उप चुनाव बिलासपुर: इस TI ने पुलिस की छवि को किया धूमिल, आम लोग दहशत में बिलासपुर के कराते खिलाड़ियों ने 44 स्वर्ण, 22 रजत एवं 21 कांस्य पदक जीतकर जिले का नाम किया रोशन बिलासपुर: यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा 28 मई को बिलासपुर में, 36 दिव्यांग सहित 5532 परीक्षार्थी 22 ...

सीपत के विस्थापित पर ध्यान नहीं दे रही दमन सरकार:अमित …..

बिलासपुर/अमित जोगी ने सीपत के विस्थापित लोगों को एन टी पी सी में नौकरी नहीं मिलने के सवाल पर बात करते हुए कहा कि हम शुरू से ही आउटसोर्सिंग का विरोध कर रहे हैं जमीन अधिग्रहण की शर्त में है कि प्रभावित परिवार के सदस्य को नौकरी दी जायेगी परन्तु आउटसोर्सिंग के जरिए बाहर से लोगों को लाकर नौकरी पर रखा जा रहा है।त्रिपक्षीय वार्ता में भी एन टी पी सी के द्वारा बनाये जाने वाले बहाने को खारिज कर दिया गया था और सरकार को इसकी जानकारी दे दी गई थी परंतु रमन सरकार जिसे हम दमन सरकार कहते हैं वह इस ओर ध्यान नहीं देकर चुपचाप बैठी है प्रदेश के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं और आउटसोर्सिंग के जरिये दूसरे प्रदेश के लोगों को रोजगार दिया जा रहा है।कृषि उत्पादन52हजार से 32 हजार करोड़ रुपए का हो गया है854 किसान आत्महत्या कर चुके हैं परंतु हम पर नूराकुश्ती का आरोप लगाने वाले दोनों राष्ट्रीय दल उनको राहत देने की जगह अपने ऐशोआराम के लिए अपना वेतन चार गुना बढ़ा रहे हैं उन्होंने कहा कि नूराकुश्ती की बात करने वाला यह पुनिया टुनिया कौन है मैं नहीं जानता हम आउटसोर्सिंग का विरोध करते हैं और कांग्रेस आउटसोर्सिंग करके दूसरे प्रदेश से यहां नेता भेज रही है।अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के पद पर रहते हुए पुनिया ने किसी का भला नहीं किया सूची में प्रदेश के सतनामी समाज को चमार के साथ रखा गया है जबकि प्रदेश वासियों ने बताया था कि सतनामी चमार नहीं होते हैं पुनिया को आयोग का अध्यक्ष होने के नाते अधिकार था कि वे अपनी बात और सिफारिश सदन में रख सकते थे परंतु उन्होंने प्रदेश का कुछ भी भला नहीं किया ये राष्ट्रीय पार्टियाँ अपनी समझ से परे हैं ये प्रदेश को डुबाने का काम कर रही हैं।
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9977679772