
बिलासपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के प्रदेश प्रवक्ता ने प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग पर संवेदनहीनता व कुठाराघात का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग को लेकर सरकार की नीतियों में नए-नए प्रयोग गरीब जरूरतमंद मरीजों के स्वास्थ से खिलवाड़ है।
मनीशंकर पान्डेय ने एक प्रेस नोट जारी कर रमन सरकार के स्वास्थ्य विभाग पर संवेदन हीनता पर कुठारघात का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में रोजाना नये तरीके से रमन सरकार का स्वास्थ्य विभाग आज जनता गरीब और जरूरतमंद मरीजों के साथ जीते जी भी प्रयोग करने का खिलवाड़ करती है, और मरने के बाद उनके शवों का भी तिरस्कार व अपमान करने से नहीं चुकती है।
उन्होंने बताया कि हाल ही में जशपुर जिले के सरकारी अस्पताल में एक युवक को जहरखुरानी के बाद सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था वहां पहले तो अस्पताल में युवक के परिजनों से राशि वसूल की गई और जब युवक की मृत्यु हो गई तो उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल के शौचालय में रखवा दिया गया।
मौत के बाद भी शव को रखा गया शौचालय में, परिजन करते रहे मिन्नत
मनीशंकर ने बताया कि परिजनों द्वारा लाख मिन्नत करने के बाद भी मृतक युवक के शरीर को शौचालय में रखा गया यह रमन सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को प्रदर्शित करता है। मनीशंकर पाण्डेय ने आगे बताया कि रोजाना पूरे छत्तीसगढ़ में रमन सरकार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था व विभाग के भ्रष्टाचारी और कमीशनखोरी करने वाले अधिकारियों के तानाशाही एवं अढियल रवैय्ये के चलते गरीब मरीजों को ईलाज मे होने वाली असुविधा व परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
चिकित्सकों पर नहीं सरकार का नियंत्रण
मनीशंकर पाण्डेय ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में पदस्थ चिकित्सकों पर भी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है लगभग सभी जगह सरकारी चिकित्सक दोपहर बाद अपने कार्यस्थल से गायब हो जाते जिसके कारण मरीजों को बेहद तकलीफ होती है।
शर्म की बात है की अस्पताल के सामने प्रसूता को ऑटो में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा
मनीशंकर ने बताया कि कल ही कोरिया जिले के एक सरकारी अस्पताल में चिकित्सक ड्यूटी के समय नहीं होने के कारण प्रसूता ने अपने बच्चे को ऑटो में ही जन्म दे दिया, राजधानी रायपुर में एक गरीब महिला के पास पैसा नहीं होने के कारण एम्स अस्पताल प्रबंधन ने उसे पति के शव को एंबुलेंस की जगह ठेले में ले जाने की सलाह दे दी। सुदूर बस्तर में सरकारी संसाधनों में चल रहे कमीशनखोरी से त्रस्त होकर आदिवासी जन अपने परिजनों के शवों को कंधे में ढोने के लिये मजबूर हैं वहीं कल कोरबा के करतला ब्लॉक के मदनपुर पंचायत के सुदूर जंगल मे रास्ता नहीं होने के वजह से प्रसव के लिए तीन कि.मी.कावंड मे लेकर पैदल मेन रोड तक ला कर एबुंलेंस तक लाया गया।
रमन सरकार में संवेदना नहीं, गरीब मरीज बेहतर स्वास्थ्य सुविधा से वंचित हैं
मनीशंकर ने बताया कि जहां एक ओर छत्तीसगढ़ की भाजपा के रमन सिंह सरकार हर साल स्वास्थ्य विभाग में हजारों करोड़ रुपए खर्च करने का ढिंढोरा पीटती है और आधुनिक स्वास्थ्य सुविधा देने का राग अलापती है, वहीं दूसरी ओर जशपुर जिले के इस घटना ने जहां गरीब युवक की मौत हो जाने के बाद उसके शरीर को पोस्टमार्टम के लिए शौचालय में रखवा दिया जाता है। यह रमन सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को प्रदर्शित करता है, प्रदेश सरकार में संवेदना नहीं है वो भावनाओं को नहीं समझती, सरकार को स्वास्थ्य विभाग में केवल और केवल मोटा कमीशन वसूलने भर्ष्टाचार करने में ही दिलचस्पी है गरीब मरीज इस शासन मे बेहतर स्वास्थ्य चिकित्सा सुविधा से वंचित है।