बिलासपुर। शहर में स्थित पण्डित सुन्दरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 29 व 30 मार्च को किया जाएगा। दो दिवसीय इस संगोष्ठी में ‘‘जल संरक्षणः समय की मांग’’ पर परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा।यह संगोष्ठी बिलासपुर के चार विश्वविद्यालयों गुरू घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर विश्वविद्यालय, डाॅ. सी. वी. रमन विश्वविद्यालय कोटा, एवं पं. सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है।
संगोष्ठी का विषय-वस्तु –
इस संगोष्ठी में जलसंरक्षण, जल सुरक्षा एवं इससे सम्बंधित सरकार की नीतियों की चर्चा व जल-चक्रीयकरण एवं पुनः उपयोग, जल गुणवत्ता एवं शोधन, आदर्श शहर एवं ग्रामों हेतु एकीकृत जल संरक्षण तकनीक, वाटर शेड द्वारा भू-जल प्रबंधन जल एवं ग्लोबल वार्मिंग के विषय में चर्चा की जाएगी।संगोष्ठी के विषय में बताया गया कि वर्तमान में जल संकट भारत के लिये एक बहुत बड़ी समस्या है, इन दिनों जल संरक्षण शोधकत्ताओं के लिये मुख्य विषय बना हुआ है, छत्तीसगढ़ राज्य भी इससे अछूता नहीं है।
आधारभूत पंचतत्वों में से जल हमारे जीवन का आधार एवं संपूर्ण जीव जगत का आधार है। पृथ्वाीं के 70 प्रतिशत क्षेत्र में जल है, उसमें से केवल 2.5 प्रतिशत ही पीने योग्य मीठे जल के स्त्रोत है। वर्तमान परिपे्रक्ष्य में सभी विकसित एवं विकासशील देश तेजी से बढ़ती शहरीकरण की समस्या से जूझ रहे है, जिनके परिणामस्वरूप दो तरह की समस्याएं जन्म ले रही है जिनमे पहली समस्या जल संसाधनों का अत्याधिक दोहन और दूसरी जल संसाधनों का प्रदूषण है।
इस दो दिवसीय राष्ट्रीय-संगोष्ठी से जल की उपयोगिता, संरक्षण और रि-साईक्लिंग के संबंध में पर्याप्त ज्ञान और जागरूकता का विश्वास है।
संगोष्ठी के वक्तागण प्रसिद्व भारतीय पर्यावरण कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह जिन्हें रेमन मैगसेस पुरस्कार से 2011 में सम्मानित किया गया था, रहेंगे साथ ही एल पी चैरसिया, सामाजिक कार्यकर्ता रायपुर, डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव सहायक प्राध्यापक भू विज्ञान विभाग, शास. महाविद्यालय दुर्ग व कुण्डलेश्वर पाणीग्राही भू-जल संग्रहण विशेषज्ञ एन.जी.ओ. रायपुर, डाॅ. ए. एम. पोफरे प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष भू विज्ञान विभाग आर. टी.एम. नागपुर विश्वविद्यालय नागपुर एवं डाॅ. डी.पी. कुइटी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विजिटिंग प्रोफेसर, फूलबासन यादव, पद्मश्री, मिनीमाता विभूषण से अलंकृत, प्रो. दीपक कुमार मैती, पश्चिम बंगाल, प्रो. आशुतोष नायक संबलपुर, प्रो. के. एस. तिवारी, भोपाल, डाॅ. के. के. शर्मा, पूर्व कुलपति, अजमेर, डाॅ. आर. के. शर्मा, पूर्व कुलपति असम, रहेंगे।
पंजीयन शुल्क –
इस संगोष्ठी में प्राध्यापकगण अन्य के लिए स्थल पंजीयन शुल्क 800/- तथा विद्यार्थी शोधार्थी के लिये रू. 600/- निर्धारित है, स्थल पंजीयन शुल्क नगद जमा करने की सुविधा विश्वविद्यालय में आयोजन स्थल पर 29 मार्च को उपलब्ध रहेगी। इस संगोष्ठी के मुख्य संरक्षक संरक्षक डाॅ. बंश गोपाल सिंह, कुलपति, पं. सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़, बिलासपुर, डाॅ. अंजिला गुप्ता, कुलपति, गुरू घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर, डाॅ. गौरी दत्त शर्मा, कुलपति, बिलासपुर विश्वविद्यालय, बिलासपुर एवम् प्रो. रवि प्रकाश दुबे, कुलपति, डाॅ. सी. व्ही. रमन् विश्वविद्यालय, कोटा, इस कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक हैं।
इस संगोष्ठी के संयोजकगण डाॅ. अनिता सिंह, सहायक प्राध्यापक, श्री रेशमलाल प्रधान, सहायक प्राध्यापक, पं. सुन्दरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय, डाॅ. के. के. चन्द्रा, सह प्राध्यापक, गुरू घासीदास विश्वविद्यालय, डाॅ. एच एस. होता, सह प्राध्यापक, बिलासपुर विश्वविद्यालय, डाॅ. मनीष उपाध्याय, प्राध्यापक, डाॅ. सी0 वी. रमन विश्वविद्यालय कोटा है।उपरोक्त जानकारी आयोजन के मीडिया प्रभारी दीपक कुमार पाण्डेय के द्वारा दिया गया।
