
बिलासपुर। विश्व क्षय दिवस के पर राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय सेंदरी में ‘टी.बी. उन्नमूलन के लिए नेतृत्व की आवश्यकता है’ का नारा देकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विश्व क्षय दिवस पर परिचर्चा व संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में भेषज विशेषज्ञ डाॅ. बी.आर.होतचंदानी ने टी.बी के प्रकार एवं इसके इलाज में बरती जाने वाली सावधानी की जानकारी दी, साथ ही उसके उपचारों से भी अवगत कराया उन्होंने कहा कि टीबी का वास्तविक उपचार उसका प्रति हमारी जागरूकता है।लैब टेक्नीशियन राकेश राठौर द्वारा टीबी के रोकथाम के लिए शासन द्वारा चाए जा रहे आर.एन.टी.सी.टी. एवं एन.टी.सी.पी. कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी। इस संगोष्ठी में अस्पताल अधीक्षक डाॅ. बी.आर.नंदा ने वक्तव्य में बताया कि टी.बी. रोग के प्रति लोगों अधिक से अधिक संख्या में जागरूक करने के उददेश्य से प्रतिवर्ष 24 मार्च को विश्व क्षय दिवस के रूप में मनाया जाता है, टी.बी. की खोज सर राबर्ट काॅस के द्वारा सन 1882 में किया गया था,उन्होंने बताया कि यह जागरूकता अभियान इसलिए भी अतिआवश्यक हो जाता है क्योंकि टी.बी. से ग्रस्त मरीज का उपचार नहीं किया गया, तो एक वर्ष में उसके प्रभाव से 8 से 10 लोग टीबी ग्रस्त हो सकते हैं, संगोष्ठी के अंत में डाॅ. जे.पी. आर्या, आर.एम.ओ. द्वारा उपस्थित सभी स्त्रोताओं का आभार प्रकट किया गया।