रायपुर/ केबिनेट की अहम बैठक को लेकर प्रदेश के महिला शिक्षाकर्मियों का प्रतिनिधित्व करने वाली शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांतीय पदाधिकारियों ने खुलकर अपनी बात कही।
इस अवसर पर प्रान्तीय उपाध्यक्ष डॉ सांत्वना ठाकुर ने कहा कि अभी नवरात्रि का पर्व है, माननीय मुख्यमंत्री जी शक्ति के आराधक माने जाते हैं, प्रदेश में हम शिक्षाकर्मी जो बच्चो का भविष्य गढ़ रहे हैं, ज्ञानशक्ति का ही रूप हैं इसलिए हमें यकीन है कि माननीय मुख्यमंत्री जी आज संविलियन की घोषणा करके हम ज्ञानशक्तियों को प्रसन्न कर सकते हैं।
नवरात्र का पर्व शक्तिआराधना का पर्व माना जाता है। प्रदेश के ,1,80,000 शिक्षाकर्मियों में सर्वाधिक संख्या महिला शिक्षाकर्मियों की है। पिछले दिनों संविलियन की मांग को लेकर हुए आंदोलन में महिला शिक्षाकर्मियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था, यहां तक कि बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां भी दी थी।
शिक्षाकर्मियों के संविलियन पर प्रान्तीय महासचिव बुशरा परवीन और स्मृति वीरेंद्र दुबे ने कहा कि प्रदेश का समुचित विकास तभी कहलायेगा, जब शिक्षक को उचित सम्मान मिलेगा। प्रदेश की भावी पीढ़ी का भविष्य गढ़ने वालों का भविष्य संविलियन देकर ही मुख्यमंत्री जी संवार सकते हैं।
प्रान्तीय प्रवक्ता दीपिका झा ने कहा कि- हम मुख्यमंत्री जी के बात को मानकर अपने आंदोलन को स्थगित किया था, अब माननीय भी अपने संविलियन करने के अपने वादे को पूर्ण करे।
शिक्षक पंचायत व ननि मोर्चा के प्रांतीय उपसंचालक जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि हाईपावर कमेटी का 1 माह बढाया हुआ कार्यकाल भी अब समाप्ति पर है, यदि संविलियन की घोषणा जल्द नही की गई तो 3 अप्रैल से होने वाले बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया जावेगा।