
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सिविल अस्पतालों का निजीकरण करने के फैसले विरोध जताते हुए फैसला न बदलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओ.पी शर्मा ने बताया कि प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ सिविल अस्पताल कुरूद, महेंद्रगढ़, माना, सुपेला, खुर्सीपार चिकित्सा सुविधा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ हैं, इन क्षेत्र में रहने वाली आम जनता इन चिकित्सालयों की सेवा एवं सुविधाओं से प्रभावित है,
उन्हें यहां की फैकल्टी पर विश्वास है, जिसे शासन पूंजीपतियों के हाथ सौंपने जा रही है, उन्होंने बताया कि संघ हर स्तर पर इस निर्णय का विरोध करेगा।
शासकीय अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपे जाने से अस्पतालों में वर्तमान में कार्यरत चिकित्सक स्टाफ, नर्स एवम् पैरामेडिकल स्टाफ एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
ओपी शर्मा ने कहा कि पूरे भारत में छत्तीसगढ़ के शासकीय चिकित्सालय को छोड़कर जितने भी निजी चिकित्सालय हैं, उन सब में इलाज महंगे हैं।
इसी कारण मरीजों को इलाज के लिए अन्य राज्यों में जाना पड़ता है, शासकीय चिकित्सालय के निजीकरण के फैसले को छोड़कर राज्य सरकार को प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों की रिक्त पदों पर भर्ती करनी चाहिए। ताकि चिकित्सा सुविधाओं को और बेहतर किया जा सके।