बिलासपुर: कोरोना संक्रमण छत्तीसगढ़ में फिर से बढने लगा है/इसे लेकर सरकार भी अलर्ट हो गई है/पिछले महीने फरवरी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अफसरों की आपात बैठक बुलाकर हालात पर मंथन किया था । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में मास्क फिर अनिवार्य करने के निर्देश दिए थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि दिल्ली, मुम्बई सहित महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। इसलिए सभी कलेक्टरों को सतर्क रहना होगा/
इसका असर बिलासपुर के कलेक्टर सारांश मित्तर और यातायात डीएसपी सत्येन्द्र पाण्डेय पर नहीं पड़ा है, तभी ये दोनों जिम्मेदार अधिकारी बिना मास्क के बैठक ले रहे हैं/ मास्क न पहनने को लेकर कलेक्टर सारांश मित्तर की लापरवाही की न्यूज़ हम अपने पाठकों के समक्ष पूर्व में ला चुके चके हैं/ रही बात सत्येन्द्र पांडे की तो उनकी लापरवाही नीचे की तस्वीर में देख सकते हैं/
बताते चले कि आज शहर में पुलिस विभाग की दो बैठक हुयी/ एक बैठक एसपी प्रशांत अग्रवाल के द्वारा बिलासा गुड़ी में थानों में लंबित अपराधों की समीक्षा को लेकर ली गई, जिसमें सभी थानों के थाना प्रभारी एवं सभी राजपत्रित अधिकारी उपस्थित थे/ इस दौरान एसपी मास्क पहने हुए नजर आए/
प्रशांत अग्रवाल के द्वारा गंभीर मामलों में प्रकरण लंबित होने के कारणों के साथ-साथ संबंधित विवेचना अधिकारी से प्रकरण वार चर्चा कर फरार आरोपियों की गिरफ्तारी करने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए । साथ ही आगामी होली त्यौहार के मद्देनजर सभी थाना प्रभारियों को अपने अपने क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु पहले से तैयारी करने एवं शांति समितियों की बैठक लेंने,थाना क्षेत्र में सक्रिय निगरानी, गुंडा बदमाशों, चाकूबाज की सतत चेकिंग करने तथा उनकी दिनचर्या तथा गतिविधियों पर नजर रखने तथा आवश्यकता अनुरूप प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करने निर्देश दिये गये ताकि आगामी त्यौहार के समय शांति व्यवस्था बनी रहे।
वहीं, एक और बैठक आज यातायात कार्यालय में उप पुलिस अधीक्षक (यातायात) सत्येंद्र पांडे के द्वारा आहूत की गई,जिसमें तिफरा, मंगला, लिंक रोड, सरकंडा एवं कोतवाली के प्रभारी अधिकारी एवं थानों में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक, उपनिरीक्षक सम्मिलित हुए। इस दौरान उनसे एक गलती हो गई, वह बिना मास्क के कैमरे में कैद हो गए।
बैठक में पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी 19 बिंदुओं पर कार्यवाही संबंधी चर्चा एवं गत वर्ष में घटित सड़क दुर्घटनाओं में 10% की कमी लाने , मोटर व्हीकल एक्ट की महत्वपूर्ण धाराओं में 20% बढ़ोतरी वृद्धि की जाने तथा शहर के सीमावर्ती मार्गों में हेलमेट व सीट बेल्ट की चेकिंग किये जाने, ओवरलोडिंग वाहनों पर कार्यवाही तथा ड्राइविंग लाइसेंस के निलंबन की कार्रवाई को प्रभावी ढंग से किए जाने के निर्देश दिए गए।
इसी प्रकार वाहनों का बीमा, नाबालिक बच्चों द्वारा वाहन चलाना पर एवं नशे की हालत में वाहन चलाने वालों पर प्रतिदिन कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही जिला रोड सेफ्टी सेल को पीडब्ल्यूडी व आरटीओ के साथ संयुक्त विवेचना कार्रवाई दुर्घटना जन्म स्थल का निरीक्षण तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क में सुधार कार्य हेतु सीईओ की ओर पत्राचार व समन्वय करने निर्देशित किया गया।
साथ ही आवारा पशुओं पर निगम की टीम के साथ कार्रवाई, साथ ही रात्रि के समय भारी वाहनों पर शहरी क्षेत्र में प्रवेश पर प्रतिबंध हेतु यातायात के अधिक से अधिक बल लगाकर अनाधिकृत प्रवेश करने वाले भारी वाहनों पर प्रभावी कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया ,स्पीड रडार से पनिर्धारित लक्ष्य के अनुसार कार्यवाही हेतु भी निर्देशित किया गया।
इस दौरान उनके चेहरे पर कोरोना का कोई खौफ नहीं दिखा। जिस तरह DSP का लापरवाह रवैया सामने आया वो बड़ी परेशानी का सब़ब है। सत्येन्द्र पांडे यातायात के जिम्मेदार अधिकारी हैं, ऐसे में उनसे कोरोना के खिलाफ रोल मॉडल बनने की उम्मीद की जाती है, जिसमें वो फिलहाल नाकाम दिख रहे हैं ।
जिम्मेदार यातायात अधिकारी की ये जिम्मेदारी बनती है कि कोरोना के खिलाफ चल रही मुहिम में वो रोल मॉडल बनकर आम जनता के लिए मिसाल पेश करे। ना कि इसे हल्के में ले। डीएसपी की पोस्ट एक जिम्मेदार अधिकारी की पोस्ट होती है । ऐसे सत्येन्द्र पांडे की हरकत ने उन्हें सवालों के घेरे में डाल दिया है।