बिलासपुर। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत आज छत्तीसगढ़ भवन दोपहर को करीब तीन बजे पहुंचे. ज्यादातर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मंत्री भगत से मिलने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रहा था, क्योंकि खुद को मंत्री के करीबी बताने वाला एक छपास नेता मंत्री और कार्यकर्ताओं के बीच दरवाजा बनाकर खड़ा हुआ था. वह तय कर रहा था की कौन पहले मिलेगा और कौन बाद में. छपास नेता पत्रकारों को भी कार्यकर्ताओं की लाइन में यह बोलकर खड़े करने की कोशिश करने लगा कि पहले मंत्री जी खाना खा ले, उसके बाद आप लोग बात कर लेना. उस छपास नेता की होशियारी , उस समय धरी की धरी रह गई जब मंत्री पहले पत्रकारों से बात की और उसके बाद खाना खाया.
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चर्चा के दौरान यह समझ में आया कि मंत्री भगत का हितैषी बनने वाले स्थानीय नेता बिलासपुर की गंभीर समस्याओं से अपने मंत्रियों को अवगत नहीं कराते हैं जिसका खामियाजा मंत्रियों को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बिना तर्क के जवाब देकर उठाना पड़ता है. जैसे की आज जब मीडिया ने खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से पूछा, “अवैध रेत उत्त्खन्न करने वालों के खिलाफ आपके एक नेता ने मोर्चा खोल दिया है, तो यह समझा जाए कि लॉ एंड आर्डर गड़बड़ा गया है” इस पर वह बड़े आत्म विश्वास से बोले कि नहीं हो रहा है अवैध रेत उत्त्खन्न. उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि हमारी सरकार अवैध उत्खनन के खिलाफ है.
हमारे पाठकों को यहाँ समझ में आ गया होगा कि स्थानीय कुछ नेता केवल रोल बाजी देने तक सीमित हैं और उनकी जमीन खिसकी हुई है. जिसका खामियाजा उनके चहेते मंत्री को बिना तर्क के बयान देकर चुकाना पड़ता है, जिससे जनता के बीच मंत्रियों की छवि धूमिल होने लगती है .