बिलासपुर. मस्तुरी ब्लॉक के पाराघाट सरपंच को महिला पंच के शिकायत आवेदन पर मस्तुरी अनुविभागीय अधिकारी द्वारा पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 39(1) के तहत निलंबित कर दिया है.
ज्ञात हो कि 4 महीने पहले पाराघाट सरपंच प्रदीप सोनी को मस्तुरी पुलिस ने नशे की तस्करी करते रंगे हाथो गिरफ्तार किया था, जो वर्तमान में जेल में निरुद्ध है. मामले की जानकारी होने पर एस.डी.ओ. पंकज डाहिरे ने जनपद पंचायत सीईओ से प्रतिवेदन मंगवाया, सीईओ ने थाने से जानकारी मंगवाकर एसडीओ को दी, उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
उसके बाद भी ग्रामीणों ने हार नहीं मानते हुए लगातार इस मामले को लेकर पंकज डाहिरे से मिलते रहे. इस दौरान महिला पंच ने भी सरपंच के निलंबन को लेकर अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में केस लगाया था. तब कहीं जाकर एसडीओ ने नियमानुसार सरपंच को निलंबित किया.
मिली जानकारी के अनुसार, ग्रामीणों ने पूर्व में भी सरपंच के खिलाफ शिकायत की थी. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में विकास कार्य के लिए राशि आई थी. सरपंच द्वारा विकास कार्य की राशि को कागजो में दिखाकर रुपए निकाल लिए. इसके साथ ही कई जगहों में खराब काम हुआ है. बावजूद इसके जिम्मेदारों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया. जब सरपंच नशे की तस्करी करते रंगे हाथो गिरफ्तार हुआ उसके बाद हडकम्प मचा, उसके बाद सरपंच को नोटिस जारी करने की दिशा कार्य किया जाने लगा. इस प्रक्रिया में काफी समय निकल गया.
सूत्र बताते हैं कि सरपंच को बचाने के लिए एक लॉबी काम करने लगी थी पर उस लॉबी के मंसूबे में उस समय पानी फिर गया, जब एक महिला पंच की शिकायत पर मस्तूरी अनुविभागीय अधिकारी द्वारा पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा 39(1) के तहत पाराघाट सरपंच प्रदीप सोनी को निलंबित कर दिया.
सूत्र बताते हैं कि अगर सरपंच की जाँच गहनता से हो जाए तो उसके ऐसे कई गंभीर मामले सामने आ सकते हैं, जिसमें उसको आजीवन कारावास हो जाएगा .