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सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजीकरण की ओर धकेलने में केन्द्र सरकार के बढ़ते कदम: स्वामीनाथ जायसवाल

 

भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामीनाथ जायसवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आजादी के पश्चात बड़ी मेहनत,लगन तथा कई वर्षो के अथक प्रयासों के बाद मे देश मे कई नवरत्न कम्पनियों को बनाया गया था, जो कि सरकार की पहचान तथा बड़े पैमाने पर रोजगार देने के साथ साथ लोक कल्याण के कार्य मे जुटी हुई थी तथा सरकार को मोटे तौर पर मुनाफा भी देती रही है। धीरे-धीरे एक एक करके निजी उद्योगपतियो के हाथों मे सोंपने का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में अटल बिहारी वाजपेयी जी की एनडीए सरकार ने कई मुनाफा कमाने वाली इकाइयों को निजीकरण तथा विनिवेश के नाम पर निजीकरण की ओर धकेलने का काम बखूबी तरीके से किया गया था। जिसमें से हिन्दुस्तान जिंक ली, बाल्को, आईपीसीएल, आईटीडीसी के कई सरकारी होटल्स, ओने पोने दामों मे निजी हाथों मे जाने देने की व्यवस्था की गई थी, जिनमें से कुछ मामलों की जांच सीबीआई से जांच की जा रही है। इससे बड़ी मात्रा मे सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचा था।

जायसवाल ने कहा कि अब यहां पर यक्ष प्रश्न खड़ा होता है! कि मुनाफा कमाने वाली इकाइयों को क्यों निजी हाथों मे देने के पीछे के क्या मायने हैं तथा ऐसा क्यों किया गया था?

वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक श्रीवास ने कहा कि वर्तमान में एनडीए सरकार फिर सार्वजनिक क्षेत्र की मुनाफा कमाने वाली इकइयों के निजीकरण की ओर धकेलने का पुन : प्रयास कर रही है, जिसमें से प्रमुख नाम बीपीसीएल, रेल्वे स्टेशन, रेल्वे के कुछ ट्रेन रूट, एयर इंडिया, एयरपोर्ट, बन्दरगाह पोर्ट,बीएसएनएल इत्यादि को निजी हाथों मे विनिवेश के नाम पर सोंपने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि  देश के आम लोगों की भावना के खिलाफ मे होने के साथ-साथ देशहित के विरोध मे उठाया गया कदम साबित होगा।

श्रीवास ने कहा कि समय रहते सरकार को पुन : विचार कर बदलने की आवश्यकता है, अन्यथा आने वाले समय मे भारी मात्रा मे नुकसान होगा जिसकी निकट भविष्य मे भरपाई होना मुश्किल है।

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