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बिलासपुर: तहसील अधिवक्ता संघ ने राजस्व अधिकारियों के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- तहसीलदार नारायण  गबेल, नायब तहसीलदार शेष नारायण  जायसवाल, तुलसी मंजरी साहू और राजकुमार साहू शाम 6 बजे के बाद दलालों के लिए करते हैं काम 

बिलासपुर: तहसील कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारी अपनी ओछी हरकतों या अमानवीय व्यवहारों  के कारणों से विवादों में आ ही जाते हैं. आज हम जिन अधिकारियों के घटिया हरकतों को अपने लेख के माध्यम से पाठकों के समक्ष रखने वाले हैं उनसे हर वर्ग त्रस्त है और इनकी सैकड़ों शिकायतें कलेक्टर, कमिश्नर, प्रभारी मंत्री, राजस्व मंत्री और मुख्यमंत्री  से हो चुकी है. बावजूद इसके इन अधिकारियों पर कार्यवाही का न होना संबंधित जिम्मेदारों की कमजोरी को दर्शाता है.

आज तहसील अधिवक्ता संघ ने कलेक्टर को  तहसील कार्यालय की अव्यवस्थाओं  से अवगत कराया और इसके लिए जिम्मेदार  तहसीलदार नारायण  गबेल, नायब तहसीलदार शेष नारायण  जायसवाल, तुलसी मंजरी साहू और राजकुमार साहू  को बताया .

अधिवक्ता संघ ने कहा कि तहसीलदार नारायण  गबेल, नायब तहसीलदार शेष नारायण  जायसवाल, तुलसी  मंजरी साहू और राजकुमार साहू  के द्वारा  वकीलों  और  पक्षकारों से लगातार अमानवीय व्यवहार किया जाता है और धमकी दी जाती है कि कर दो हमारी शिकायत  हमारा कोई कुछ  नहीं  कर पाएगा.

संघ ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों के द्वारा खुलेआम  मंत्री और उच्चाधिकारियों के नाम से काम के एवज में रकम की डिमांड की जाती है और इनकी मांग को पूरी नहीं करने की दशा में ये हमारे प्रकरणों को गायब करवा देते हैं इससे वकीलों को काफी परेशानी होती है.

वकीलों  ने कहा कि कार्यालयीन दिवस में तहसीलदार नारायण  गबेल, नायब तहसीलदार शेष नारायण  जायसवाल, तुलसी मंजरी साहू और राजकुमार साहू बहुत ही कम बैठते हैं पर  शाम को 6 बजे के बाद  दलालों के कार्यों के लिए नियमित बैठते हैं, जो जगजाहिर है.

संघ ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों के द्वारा शहर के होटलों में बैठकर भूमि का सौदा किया जाता है पर जनता का  काम यह कहकर नहीं  किया जाता कि शासन के काम से फुर्सत नहीं है .उन्होंने बताया कि  तहसीलदार नारायण  गबेल, नायब तहसीलदार शेष नारायण  जायसवाल, तुलसी मंजरी साहू और राजकुमार साहू के बैठक स्थान पर  दीवारों  में पेंट , नया फर्नीचर, एसी, पंखा  और दरवाजा  फिटिंग  की व्यवस्था दलालों के द्वारा की  गयी है . जिसका जिक्र  खुलेआम दलालों  के द्वारा  किया जाता है और इसकी आड़ में वे आम जनता से उनके जमीन संबंधी कार्यों को  जल्द कराने का दावा भी करते हैं.

अधिवक्ताओं ने कलेक्टर से इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग की हैं.

अब देखना होगा कि कलेक्टर सारांश मित्तर, तहसील अधिवक्ता संघ के शिकायत लेटर को कितने गंभीरता से लेते हुए  आगे की कार्यवाही करते  हैं .

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