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बिलासपुर। भाजपा के एक नेता ने अपनी सरकार के खिलाफ बात करके खलबली मचा दी है। यहां तक आदिवासियों के मुद्दे पर उन्होंने सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने तथा हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करने का दावा किया। तेंदूपत्ता टेंडर 50 फीसदी कम दर पर स्वीकार किए जाने से दस लाख आदिवासी परिवार को नुकसान होने पर भाजपा के अजजा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बेहद खफा है।
पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा नेता व आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष संतकुमार नेताम ने कहा कि सरकार ने इस बार तेंदूपत्ता टेंडर 50 फीसदी कम रेट में स्वीकार किया है। इसकी जानकारी लघु वनोपज महासंघ के जरिए प्राप्त हुई। प्राप्त आंकड़ा के आधार पर बीते साल के बोनस से अगले साल के बोनस में करीब दस लाख आदिवासी परिवार को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि आदिवासियों को बोनस के रूप में 300 करोड़ प्राप्त हो रहा था, वह अब नहीं मिलेगा। प्रति परिवार को 30 हजार मिलता, वह अब नहीं मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष के कारण सरकार ने बोनस को लाभांश के रूप में बांट दिया। सरकार का यह कृत्य आदिवासी विरोधी है। ऐसा लगता है राज्य सरकार आदिवासियों के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि आदिवासी हित मे काम करना हमारा धर्म है। इसके रास्ते में यदि हमारी ही सरकार आए तो हम उसे भी नहीं छोड़ेंगे। श्री नेताम ने कहा कि इस मामले को लेकर हमनें हाईकोर्ट में सरकार के खिलाफ एक याचिका दायर किया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने हमारी बात को समझकर स्वीकार किया और राज्य सरकार को नोटिस भेजा है। इसके अलावा लघु वनोपज महासंघ को भी अपनी बात रखने के लिए नोटिस भेजा है। मामले की सुनवाई 21 मार्च को है। आदिवासियों की ओर से अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव मामले की पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों का अहित कर रही है। पहले आदिवासियों की जमीन में विधेयक लाकर नुकसान करने की कोशिश की और अब तेंदूपत्ता टेंडर कम रेट में स्वीकार कर अहित किया गया है।