
बिलासपुर। केंद्र सरकार ने बिलासपुर विश्वविद्यालय के 53 कॉलेजों को रेड अलर्ट जारी किया है। 12 मार्च की रात 11.59 बजे तक पोर्टल में ऑनलाइन डाटा अपलोड करने अल्टीमेटम दिया है। इसकी सूचना नोडल अधिकारी व आयुक्त उच्च शिक्षा को तत्काल देने कहा है। ऐसा नहीं करने वाले शासकीय व निजी कॉलेजों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने संभाग के कॉलेजों को ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन (एआईएसएचई) के पोर्टल में सत्र 2017-18 का ब्योरा मांगा था। कॉलेजों में इसके लिए बकायदा नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। पोर्टल पर उन्हें ऑनलाइन डाटा अपलोड करना था। संभाग के 168 कॉलेजों में सिर्फ 115 कॉलेजों ने जानकारी दी है। जबकि 53 ने कोई जवाब नहीं दिया। 17 फरवरी को दुर्ग विश्वविद्यालय में जागरूकता के लिए कार्यशाला आयोजित की। 28 फरवरी तक अनिवार्य रूप से डाटा अपलोड करने का समय दिया, इसके बाद भी संभाग के कॉलेजों ने रुचि नहीं ली। नतीजा इन कॉलेजों को रेड अलर्ट जारी करते हुए 12 मार्च तक अंतिम मोहलत दी गई है। इसके बाद संबद्धता रोकने नियमानुसार कार्रवाई तय है। गौरतलब इसके पूर्व एआईएसएचई दर्जनभर से अधिक कॉलेजों पर संबद्धता रोकने की कार्रवाई कर चुका है।
शिक्षकों की मांगी जानकारी
एआईएसएचई ने फार्म डीसीएफ-4 व डीसीएस-6 में अल्पसंख्यक विद्यार्थियों व शिक्षकों की जानकारी मांगी है। संभाग के कई कॉलेज ऐसे जानकारी देने से कतराते हैं। पिछले साल में इसे लेकर काफी दिक्कत हुई थी। ज्ञात हो की केंद्र सरकार इन्हीं आंकड़ों के आधार पर योजना बनाती है। इसके अलावा कई अन्य जानकारी भी अपलोड करनी होती है।
आईएएसई व साइंस कॉलेज भी शामिल
पोर्टल में जानकारी नहीं देने वाले कॉलेजों में उन्नत शिक्षा अध्ययन संस्थान,तारबाहर, शासकीय ई राघवेंद्र राव विज्ञान महाविद्यालय, सरकंडा, डीपी विप्र एजुकेशन कॉलेज,बिरकोना एवं मौलाना आजाद एजुकेशन कॉलेज का नाम भी शामिल है। बीयू के वेबसाइट पर सभी 53 कॉलेजों की सूची सार्वजनिक कर दी है।