हिमाचल प्रदेश / नए मुख्यमंत्री को लेकर बरकरार रहस्य के बीच भाजपा विधायकों की एक बैठक कल बुलाई गई है। विधायकों को केंद्रीय पर्यवेक्षक की तरफ से संबोधित भी किया जायेगा। पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने आज यह जानकारी दी।
पार्टी के वरिष्ठ नेता के मुताबिक नए मुख्यमंत्री के बारे में घोषणा जल्द की जायेगी, हो सकता है विधायकों की बैठक में, लेकिन इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों का दो सदस्यीय दल 21 और 22 दिसंबर को प्रदेश में था और उसने प्रदेश भाजपा की कोर समिति, सांसदों और कुछ विधायकों से जानकारी ली है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा और पांच बार के विधायक जयराम ठाकुर इस पद के लिये प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। पार्टी नेता ने कहा कि पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट देखने के बाद ही नेता की घोषणा की जायेगी।
सत्ती ने कहा कि दो केंद्रीय पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और नरेंद्र सिंह तोमर कल यहां पहुंचेंगे और विधायकों को संबोधित करेंगे।
भाजपा के मुख्यमंत्री पद के चेहरे प्रेम कुमार धूमल के चुनावों में हार जाने के बाद पार्टी के सामने नेतृत्व का संकट खड़ा हुआ। कांग्रेस के राजेंद्र राणा ने सुजानपुर सीट से धूमल को चुनाव में शिकस्त दी थी।
सत्ती खुद उना से चुनाव हार गये थे। उन्होंने कहा कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में अप्रत्याशित नतीजों के बावजूद पार्टी का प्रदर्शन शानदार रहा है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने यहां एक बयान में कहा कि बैठक में केन्द्रीय पर्यवेक्षक रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन और पार्टी के राज्य मामलों के प्रभारी नरेन्द्र तोमर और बिहार के कैबिनेट मंत्री मंगल पांडे भी भाग लेंगे। बैठक में सभी नवनिर्वाचित 44 विधायकों के अलावा पार्टी की कोर कमेटी के सदस्यों और सांसदों को भी आमंत्रित किया गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के नाम पर शिमला में हुई बैठक में जयराम ठाकुर के नाम पर आम सहमति नहीं बन पाने की स्थिति में वर्तमान राजनीतिक हालात को देखते हुये कि मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नड्डा का नाम भी चल रहा है।
इससे पहले हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीती भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार धूमल को सुजानपुर विधानसभा सीट से हराकर सुर्खियों में आये कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा था कि नैतिकता के नाते धूमल को मुख्यमंत्री पद ही होड़ से हट जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि राज्य में इसके पहले कांग्रेस की सरकार थी