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सीयू की बागडोर सशक्त व कुशल महिला के हाथों……

बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। इसका नेतृत्व एक सशक्त एवं कुशल महिला के हाथों में हैं। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के 35 साल की सफर में राज्य विश्वविद्यालय से केन्द्रीय विश्वविद्यालय तक पहली बार महिला कुलपति के रूप में प्रोफेसर अंजिला गुप्ता को विश्वविद्यालय की बोगडोर सौंपी गई। उनके कुशल नेतृत्व में विश्वविद्यालय चहुंमुखी विकास के पथ पर अग्रसर है। विश्वविद्यालय की छात्राएं शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में नित नई ऊचाइयों को छू रहीं हैं। यहां कार्यरत महिला प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों के लिए शिक्षा और सुरक्षा की पर्याय हैं। विश्वविद्यालय में कुल अध्ययनरत छात्रों में पचास फीसदी से ज्यादा छात्राएं हैं।

गुरु घासीदास विश्वविद्यायल की सामाजिक विज्ञान अध्ययन शाला अंतर्गत अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान एवं लोक प्रशासन विभाग में शोध एवं अनुसंधान अनवरत जारी है। सामाजिक विज्ञान संकाय की संकायाध्यक्ष राजनीति विज्ञान विभाग की आचार्य डाॅ. अनुपमा सक्सेना के निर्देशन में अमित कुमार गुप्ता खाद्य नीति का निर्माण और कार्यान्वयन व उत्तरप्रदेश के विशेष संदर्भ में शोध कार्य कर रहे हैं। इनका उद्देश्य खाद्य नीति में हुए सुधारों के कार्यान्वयन की स्थिति का अध्ययन करना है। अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनीषा दुबे के निर्देशन में आशीष कुमार शोध कार्य कर रहे हैं। इनका विषय अध्ययन क्षेत्र छत्तीसगढ़ के कोरिया और जांजगीर-चांपा जिले में रेशम उद्योग के उत्पादन एवं हितग्राहियों की आय संरचना का विश्लेषणात्मक अध्ययन। इसका उद्देश्य रेशम उद्योग के उत्पादन, हितग्राहियों की आय में परिवर्तन एवं रेशम उद्योग के विकास के लिए केन्द्र एवं राज्य की विकास योजनाओं का अध्ययन करना है। वहीं नसीमा बेगम प्रोफेसर मनीषा दुबे के निर्देशन में सरगुजा जिले में अन्त्योदय अन्न योजना के क्रियान्वयन का विश्लेषणात्मक अध्ययन कर रही हैं। इसके तहत अन्त्योदय अन्न योजना के प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा। जीव विज्ञान अध्ययन शाला अंतर्गत जैव प्रौद्योगिकी विभाग व प्राणी विज्ञान विभाग में विभिन्न शोध परियोजनाएं एवं शोध कार्यक्रम संचालित हैं। जीव विज्ञान अध्ययन शाला अधिष्ठाता एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. रेणु भट्ट के निर्देशन में रूपल पुरैना स्क्रीनिंग आॅॅफ मेडिसनल प्लांट एंड देयर प्रोटेक्टिव रोल इन सिसप्लैटिन इनडयुस्ड नेफरोटाॅक्सिसिटी विषय पर शोध कर रही हैं। सीमा मंडावी डेवलपमेंट आॅफ नाॅवेल टयूबिलीन बाइंडिंग नाॅसकेपिनोयड एज एंटिकैंसर ड्रग विषय पर डाॅ. रेणु भट्ट के निर्देशन में शोध कर रही हैं। इसके अतिरिक्त सुचित्रा पाणिग्रही स्टडीस आॅफ एंटिडायबेटिक पोटेंसियलिटी आॅफ हेडिचियम कोरोनेरियम एवं किरण अनंत इनकेपसुलेशन आॅफ गोल्ड नैनोपारटिकल्स विथ स्ट्रेक्ट्स आॅफ कोस्टस स्पेसिओसस एंड सेस्बोनिया ग्रेन्डीफलोरा फाॅर इनहेन्सिंग स्टेबिलिटी एंड थेराप्यूटिक इफिकेसी विषय पर प्रौद्योगिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. रेणु भट्ट के निर्देशन में शोध कर रही हैं।

जीव विज्ञान पर शोध

जीव विज्ञान अध्ययन शाला अंतर्गत जन्तु विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. मोनिका भदौरिया के निर्देशन में सम्राट रक्षित प्रीक्लोनिकल इवेल्यूशन आॅफ टेफ्रोशिआ परप्यूरिया एण्ड इट्स मेजर बायपेएक्टिव कम्पोनेंट्स अगेन्स्ट एक्सपेरीमेंटल हिपेटाइटिस इन रैट्स एवं अंजनी वर्मा थेरापेटिक पोटेंशियल आॅफ कैफिक एसिड एण्ड नारिनजेनित एलान्ग विथ आयरन सप्लीमेंट्स अगेनस्ट बेरिलियम इन्डयूस्ड टाक्सिक मेनिफेस्टेशन इन रैट्स विषय पर शोध कर रहे हैं। जीव विज्ञान अध्ययन शाला अंतर्गत जन्तु विज्ञान विभाग की सह प्राध्यापक डाॅ. सीमा राय के निर्देशन में हिंडोल घोष मेलाटाॅनिन इन द थायराॅयड एण्ड ओवेरियन डिसफंक्शन, मेलाटाॅनिन अल्फा रिसेप्टर एक्सप्रेशन इन इन्ड्यूज्ड पीसीओएस रैट ओवरी विषय पर शोध कर रहे हैं। इसका उद्देश्य शरीर में मेलाटाॅनिन हार्मोन द्वारा ओवरी एवं थायराॅइड ग्लैंड से समन्वयन का अध्ययन करना है।

किडनी तथा लीवर पर शोध

यूनिस अहमद हाजम इम्पैक्ट आॅफ एक्सोजिनस मेलाटानिन एण्ड इन्सूलिन आॅन फंक्शनल माडुलेशन आॅफ किडनी कार्टेक्स एण्ड हिपेटोसाइट्स इन डायबिटीक रैट माॅडलः इनवाल्वमेंट आॅफ मेलाटानिन एण्ड इन्सूलिन रिसेप्टर विषय पर डाॅ. सीमा राय के निर्देशन में अपना शोध कार्य कर रहे हैं। इस शोध कार्य में मेलाटाॅनिन और इन्सूलिन द्वारा संयुक्त रूप से डायबिटिक स्तनधारियों में किडनी तथा लीवर के कार्यिकी के समन्वयन का अध्ययन किया जा रहा है। भौतिकीय अध्ययन शाला रसायन शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्षा एवं सह-प्राध्यापक डाॅ. चारू अरोरा के निर्देशन में विनीता ताम्रकार केमिकल कैरेक्टराइजेशन आॅफ मेडिसनल प्लांट्स आॅफ फेमिली चिनोपोडिस्सी एंड जिंजीवेसी विषय पर शोधरत हैं। इनके शोध का विषय छत्तीसगढ़ के मेडिसनल पौधों से विभिन्न बीमारियों के उपचार के लिए औषधीय तत्वों का पृथक्करण है।

पर्यावरण क्षेत्र में अध्ययन

संजू सोनी सिंथेसिस, कैरेक्टराइजेशन एवं एप्लीकेशन आॅफ मेटल आर्गेनिक फे्रमवर्क विषय पर डाॅ. चारू अरोरा के निर्देशन में शोधरत हैं। इनके शोध का विषय मेटल आर्गेनिक फे्रमवर्क का संश्लेषण करके पर्यावरण विज्ञान आदि के क्षेत्र में उनके उपयोगों का अध्ययन करना है। रसायन शास्त्र विभाग की सहायक प्राध्यापक डाॅ. मनोरमा सिंह के निर्देशन में अंजूमाला साहू, हेमंत कश्यप व प्रतिभा मण्डल शोधरत हैं। अंजूमाला साहू का स्टडीज आॅफ फंक्शनलाइज्ड ग्रॅकीन विषय पर शोध कार्य जारी है। इनके शोध का उद्देश्य विभिन्न प्रकार के फंक्शनलाइज्ड ग्रॅकीन बनाना तथा उनका अध्ययन और उनका अनुप्रयोग है। हेमंत कश्यप प्रिपेरेशन एण्ड करेक्टराइजेशन आॅफ ग्रॅफीन बेस्ड हाइब्रिड नैनोमटेरियल्स एण्ड देयर सेंसिंग एप्लीकेशन विषय पर शोधरत है। इसका उद्देश्य ग्रॅफीन बेस्ड नैनोमटेरियल का निर्माण तथा संेसिंग में अनुप्रयोग है।

पालीमर का संश्लेषण

रसायन शास्त्र विभाग की सहायक प्राध्यापक डाॅ. आरती श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में प्रतिभा मण्डल सिन्थेसिस एण्ड करैक्टाराइजेशन आॅफ को-पालीमर एण्ड देयर एप्लीकेशन विषय पर उद्देश्य के साथ विभिन्न तरीकों से पालीमर का संश्लेषण तथा उसका अनुप्रयोग करना है। प्रबंध एवं वाणिज्य अध्ययनशाला के अंतर्गत प्रबंध अध्ययन विभाग की सहायक प्राध्यापक डाॅ. बी.बी. पाण्डेय के निर्देशन में चन्द्रवती निराला, प्रतिभा राॅय, प्रतिभा बारीक, वंदना सोनी एवं बृजकिशोर भारतीय शोधरत है। चन्द्रवती निराला के शोध का शीर्षक है ए स्टडी आॅन कस्टमर परसेप्शन टू इट्स ई-बैंकिंक सर्विसेजः विथ स्पेशलरिफरेंस टू पब्लिक एंड प्रायवेट सेक्टर वैंक्स इन छत्तीसगढ़ शोधकर्ता ई-बैंकिंग सेवाओं का ग्राहकों पर होने वाले प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं। इसी तरह प्रतिभा राॅय के शोध का विषय है इम्पेक्ट आॅफ प्रमोशनल स्टेªटेजिस आॅन शापिंग बिहेविया विद स्पेशल रिफरेंस टू आर्गेनाइज्ड रिटेल सेक्टर इन छत्तीसगढ़ है। शोधकर्ता रिेटेल क्षेत्र में बिक्री बढाने वाले विज्ञापन तथा अन्य तरीकों पर ग्राहकों पर होने वाले प्रभाव का अध्ययन कर रहे है।

इन्श्योरेन्स कम्पनीज पर शोध

प्रतिभा बारीक का शोध का विषय है इम्पेक्ट आॅफ वर्कलाइफ बैलेन्स आॅन परफारमेंस आॅफ मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव्स विद रिफरेंस टू पब्लिक एंड प्रायवेट सेक्टा इन्श्योरेन्स कम्पनीज इन छत्तीसगढ़ पर शोध कर रही है। वह बीमा कम्पनियों के विपणन प्रतिनिधियों की क्षमताओं पर वर्क लाइफ बेलेंस के प्रभावों का अध्ययन कर रही है। वंदना सोनी के शोध का विषय है इम्पेक्ट आॅफ स्टेªटेजिस डिसिजन आॅन एचआरएम एक्टीविटिज आॅफ सेलेक्टेड इण्डियन बैंक ए स्टडी है। वे बैंक के शीर्ष प्रबंधन द्वारा लिये गये निर्णयों के मानव संसाधन विभाग के कार्यो पर होने वाले प्रभाव का अध्ययन कर रही है। ब्रज किशोर भारती के शोध का विषय मोटीवेशनल स्टेªटेजिस एण्ड जाॅब सेटीसफेक्शन ए कम्पेरेटिन स्टडी बिटामिन सलेक्टेड पब्लिक एंड प्रायवेट सेक्टर बिजनेस आर्गेनाइजेशन आॅफ छत्तीसगढ़ स्टेट है। शोधकर्ता छत्तीसगढ़ के सरकारी तथा गैर सरकारी क्षेत्रों में कार्यरत मजदूरों में अपने कार्य के प्रति संतुष्टि पर अध्ययन कर रहा है।

सेटेलाइट और राडार पर शोध

अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के निपुण कुमार मिश्रा, सहायक प्राध्यापक का शोध स्टडी एंव डिजाइन आॅफ विलिडंरिकल ड्राइ डाइइलेक्ट्रिक रेसोनेटर एन्टीना विषय पर डाॅ. सोमा दास, सहायक प्राध्यापक के निर्देशन में चल रहा है। शोध कार्य मुख्यतः एक्स बैंड फ्रिंक्वेंसी, जिसमें सेटेलाइट और राडार कार्य करते है, पर केंद्रित है। निपुण कुमार मिश्रा इसी शोध कार्य पर, दो प्रतिष्ठित एससीआई जर्नल्स में अपना शोध प्रकाशित करा चुके हैं। शोध छात्र राबर्ट मार्क, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग में स्टडी एंड डिजाइन आॅफ वाइडबैंड बहु-इनपुट बहुउद्देशीय एमआईएमओ माइक्रोस्ट्रीप ऐन्टेना‘‘ पर डाॅ. सोमा दास, सहायक प्राध्यापक के निर्देशन में शोध कर रहे है। शोध मुख्यतः 4जी और 5जी वायरलेस एपलिकेशन के लिए केंद्रित है। प्रस्तावित कार्य के लिए डिजाइन स्पेस, एकाधिक फ्रिक्वेंसी और लागत मुख्य कारक है। माइक्रोस्ट्रिप प्लानर डिजाइन प्रस्तावित कार्य के लिए उपयोग किया गया है। प्रस्तावित कार्य अगली पीढ़ी के संचार के लिए इस्तेमाल में उपयोग होगा।

द ह्यूमन रिलेशनशिप्स पर शोध

कला अध्ययनशाला के आंग्ल एवं विदेशी भाषा विभाग में सहायक प्राध्यापक डाॅ. अर्चना कुमारी के निर्देशन में विकास चंदानी शोधार्थी हैं। इनके शोध का विषय ए स्टडी आॅफ मेटा कान्नीटिव एबिलिटा आॅफ हीरोज इन सलेक्ट नावेल्स आॅफ थ्यारी आॅफ माइन्ड हैं। ऋतु टण्डन डाॅ. अर्चना कुमारी के निर्देशन में शोध कार्य कर रही है। इनका विषय साइकोएनालिटिकल स्टडी आॅफ द ह्यूमन रिलेशनशिप्स इन द सेलेक्टेड नावेल्स आॅफ रवीन्द्र नाथ टैगोर है। रवीन्द्र नाथ टैगोर के उपन्यासों में मानव संबंधों का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण है। सुश्री स्वधा कपूर अपना शोध कार्य डाॅ. शबाना यास्मिन खान के निर्देशन में सिनेमा एवं साहित्य के परस्पर संबंधों पर शोध कर रही हैं। गणितीय एवं संगणकीय विज्ञान अध्ययनशाला के कम्प्यूटर साइंस में श्रीमती पुष्पलता पुजारी डाॅ. बबीता माझी के निर्देशन में ओडिया अंक की पहचानने उपन्यास विधियों का विकास विषय पर हस्त लिखित अंकों को पहचानने के लिए कैरेक्टर रिकोग्निशन प्रणाली पर शोध कर रही है।

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