बिलासपुर। अपोलो हाॅस्पिटल द्वारा विश्व महिला दिवस के साथ ही विश्व गुर्दा दिवस मनाया गया। इस दौरान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को किडनी के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी मुहैया कराई गई। हाॅटेल आनंदा इम्पीरियल में हुए इस कार्यक्रम में वरिष्ठ गुर्दा रोग सलाहकार डाॅ. चंद्रशेखर, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रमुख आहार विशेषज्ञ डाॅ रश्मि शर्मा व व्ही. चंपा ने गुर्दा रोग से संबंधित जानकारी प्रदान की।
स्वस्थ किडनी सभी के लिये थीम पर आधारित इस जागरूकता कार्यक्रम में अपोलो हाॅस्पिटल सीओओ डाॅ. सजल सेन ने बताया कि गुर्दा रोग होने की संभावना महिलाओं व पुरूषों दोनांे में बराबर होती है पर इसका प्रोग्नोसिस महिलाओं में ज्यादा देर से होता है। पुरूषों में कम समय में होता है। उन्होंनें बताया कि किडनी प्रत्यारोपण के प्रकरणों में 70 से 80 प्रतिशत डोनर महिलायें होती है। वरिष्ठ गुर्दा रोग विशेषज्ञ डाॅ. चंद्रशेखर ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने शरीर के इस अत्यंत महत्वपूर्ण अंग की कार्यप्रणाली व इसमें हो सकने वाली समस्याओं की जानकारी होनी चाहिये। उन्होंने आॅडियो वीडियों के माध्यम से गुर्दा की सामान्य कार्यप्रणाली को समझाते हुये रोग की स्थिति में समस्यायो के बारे में विस्तारपूर्वक जाकनारी दी। उन्होंने इससे बचाव पर जोर देते हुये स्वस्थ रहने के लिए गोल्डन नियम बताया। साथ ही शरीर में पानी की कमी न होने देने, रक्तचाप व रक्त में शूगर की मात्रा नियंत्रित रखने, जीवनशैली में परिवर्तन, संतुलित खानपान, दैनिक क्रियाकलापों में सक्रिय रहने व नियमित स्वास्थ जांच की बात कही। उन्होंने कहा कि अनुवांशिक गुर्दा रोग की स्थिति में परिवार के अन्य सदस्यों को समय समय पर अपने स्वास्थ की नियमित जाॅच करानी चाहिये। वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ रश्मि शर्मा ने बताया कि महिलाओं में किडनी इनफेक्शन की संभावना अधिक होती है। इसलिए उन्हें ज्यादा सावधानी बरतनें की जरूरत है। उन्होंनें महिलाओं में होने वाली ल्यूपस नेफ्रोपैथी की जानकारी देते हुये इसके उपायों की जानकारी दी। प्रमुख आहार विशेषज्ञ व्ही. चंपा मजूमदार, ने गुर्दा रोग से ग्रसित रोगियों के खानपान पर विशेष जानकारी देते बताया कि गुर्दा रोगियों को प्रोटीन, सोडियम, फाॅस्फोरस व पोटेशियमयुक्त भोजन नहीं लेना चाहिये। भोजन में इन तत्वों की मात्रा व तरल पदार्थ व पानी चिकित्सक व आहार विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार लेनी चाहिये। ऐसे मरीजों को पत्तीदार सब्जियों व खट्टे फल व नींबू से भी परहेज पखना चाहिये, क्योंकि इनमें पाटेशियम की मात्रा अधिक होती है। डायलिसिस के मरीजों भोजन में अन्य परहेजोे के साथ हाई प्रोटीन पदार्थो का समावेश होना चाहिये।
मरीजों का किया गया सम्मान
कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों ने जनसमूह के बीच गुर्दा रोग से संबंधित प्रश्नो के उत्तर दिये। इस अवसर पर हाॅस्पिटल में सफल हुये गुर्दा प्रत्यारोपण के मरीजों, डायलिसिस के मरीजों व उनके पविार के सदस्यों ने अपने अनुभव साझा किया। इनके साथ ही वे मरीज जो अपने स्वास्थ के प्रति सजग है और अपनी डायलिसिस नियमित कराते हैं उनका सम्मान किया किया गया। कर्यक्रम में पंजाबी महिला एसोसिएशन, कान्यकुब्ज ब्राहम्ण समाज व सेक्रो की सदस्यों सहित अपोलो हाॅस्पिटल बिलासपुर के विभाग प्रमुख व कर्मचारी गण उपस्थित रहे।