तखतपुर विधायक मामलाः कार्रवाई नहीं होने पर कांग्रेस करेगी अर्ध नग्न प्रदर्शन तो जोगी कांग्रेस उग्र आंदोलन……..
विधायक पुत्र सहित समर्थकों को पकड़ने के बाद मुचलके पर छोड़े जाने के बाद और भड़की आक्रोश की आग
बिलासपुर। तखतपुर विधायक राजू क्षत्री के पुत्र विक्रम क्षत्री एवं थाना परिसर में गुंडागर्दी करने के मामले में पुलिस द्वारा मुचलका धारा लगाए जाने से नाराज जिला कांग्रेस और जोगी कांग्रेस ने आज जमकर विरोध प्रदर्शन किया। दोनांे पार्टियों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने दोषियों के खिलाफ विभिन्न बिंदुओं के तहत ज्ञापन सौंपकर कड़ी कार्यवाई की मांग की है।
आपकों बता दें कि होली त्योहार में शराब पीकर हुड़दंग करने वाले समर्थकों को छुड़वाने तखतपुर थाने में घुसकर विधयक राजू सिंह क्षत्री ने अपने पुत्र विक्रम क्षत्री और समर्थकों के साथ जबरदस्ती आरोपियो को थाने से बाहर निकलने एवं थानेदार को जान से मारने की धमकी दी। साथ ही वाहन में तोड़फोड़ करने के मामले में पुलिस की फजीहत हो गई थी, जिसे शांत करने पुलिस प्रशासन द्वारा मांगलवार को आरोपी राजू सिंह क्षत्री के पुत्र विक्रम उर्फ सोनू क्षत्री एवं अन्य समर्थकों के खिलाफ धारा 147, 294 व 427 के तहत गिरफ्तार कर छोड़ दिया गया। इसके विरोध में आज जिला कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यलय पहुंचकर उचित कार्यवाई करने का ज्ञापन सौंपा।
वहीं कार्यवाई नहीं किये जाने पर अर्ध नग्न प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी दी है। वहीं छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी के पदाधिकारियों ने मामले में पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया है कि पुलिस सत्तापक्ष के अधीन काम कर रही है। विधायक, उसके पुत्र और समर्थकों द्वारा तखतपुर थाने में घुसकर हंगामा, गाली गलौज, थाना प्रभारी को जान से मारने की धमकी देने, शासकीय काम में बाधा पहुंचाने, थाना प्रभारी की कार पर तोड़फोड़ और थाना प्रभारी के साथ दुव्र्यवहार करने जैसे कृत्य को अंजाम दिया गया है। उन्होंने इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। पार्टी कार्यकर्ताओं एवं पदधिकारियों ने विरोध के दौरान कड़े स्वर में प्रशासन को एक सप्ताह का समय देते हुए कहा है,यदि आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नही गई तो जोगी कांग्रेस नगर बंद करते हुए उग्र प्रदर्शन करेगी।
पुलिस के प्रति जनता का डगमगाने लगा विश्वास
हाईप्रोफाइल तखतपुर विधायक मामले में खलबली मची हुई है। इसके बावजूद पुलिस ने विधायक पुत्र एवं समर्थकों को इतने बड़े आपराधिक कृत्य के लिए मुचलका मुचलका जैसी धारा लगाकर छोड़ दिया। इससे एकबार फिर से पुलिस की साख पर बट्टा लगा है तो वहीं जनता का विश्वास भी डगमगा गया है। इस मामले को लेकर विरोधी दलों के अलावा आम लोग पुलिस प्रशासन को कोस रही है। हद तो तब हो गई, तब पीड़ित थाना प्रभारी वायएन शर्मा ने दोषियों के खिलाफ नामजद शिकायत पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख से की थी। इसके बावजूद एसपी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। राजनीतिक रंग में रंगे इस हाईप्रोफाइल मामले ने जमकर तूल पकड़ा है, वहीं सत्तासीन विधायक तक पहुंचने में बौने पुलिस प्रशासन की पोल खुल गई है। अगर यही अपराध साधार व्यक्ति करता तो पुलिस कठोर कार्रवाई करने जरा भी विलंब नहीं करती। सत्तापक्ष के विधायक तथा सांसदीय सचिव के मामले में पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर दी। इतने संगीन अपराध के लिए मुचलका जैसी धारा लगाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है।