रांची। चारा घोटाले से संबंधित देवघर के कोषागार से अवैध तरीके से धन की निकासी के मामले की सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को आईपीसी की धारा 420 एवं 120बी के तहत आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) के तहत भ्रष्टाचार का दोषी पाया।
अदालत इस मामले में तीन जनवरी को दोषियों को सजा सुनाएगी। लालू के अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में राजद प्रमुख को अधिकतम सात वर्ष एवं न्यूनतम एक वर्ष कैद की सजा हो सकती है।
सीबीआई ने बताया कि देवघर कोषागार से फर्जीवाड़ा कर अवैध ढंग से धन निकालने के इस मामले में लालू एवं अन्य के खिलाफ उसने आपराधिक साजिश, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत भी मुकदमा दर्ज किया था।