युनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की बैठक में लिया गया निर्णय
बिलासपुर। अखिल भारतीय बैंक का हड़ताल 15 मार्च को तय था, लेकिन युनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के सभी घटकों ने चेन्नई में आयोजित एक बैठक में इसे स्थगित कर दिया। वहीं 21 मार्च को दिल्ली में धरना देने का निर्णय लिया गया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए रिफार्म के नाम पर निजीकरण की मुहिम का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
ऑल इंडिया बैंक ऑफीसर्स कनफेडेरेशन के सहायक महासचिव ललित अग्रवाल ने बताया कि सरकार व रिजर्व बैंक द्वारा आम जनता के सार्वजनिक बैंकों की छवि धूमिल करने वाली पॉलिसी को बदलने की मांग की जाएगी। इसके लिए 21 मार्च को दिल्ली में धरना दिया जाएगा। चार अधिकारी संगठन आइबोक, एआईबीओए, इनबोक व नोबो ने सीवीसीके कहने पर बैंको द्वारा अप्रेल के पहले मिडटर्म ट्रांसफर कर बैंक अधिकारियों के कैरियर व उनके परीक्षा दे रहे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने की भत्र्सना की गई। उन्होंने डीएफएस व रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुकूल नई एनपीए क्लासिफिकेशन नीति बनाने के लिए संसद का विशेष सत्र आयोजित करवाने की मांग की है। आईबोक के महासचिव डी फ्रेंको ने एसोचैम के अध्यक्ष को सलाह दी है कि वे बैंकों के निजीकरण की मांग के बजाय एनपीए डिफाल्टर सदस्यों को निर्देश दे कि वे बैंको की दीर्घ बकाया ऋण का तत्काल भुगतान करे, ताकि अन्य जरूरतमंद को समय पर पर्याप्त ऋण स्वीकृत करते हुए बैंकांे को प्रॉफिट में लाया जाए। बैठक में सर्वसम्मति से बैंक डिफाल्टरों के नाम सार्वजनिक कर उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग की गई है। आम जनता से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान ना दे। सार्वजनिक बैंकों में जमा राशि पूर्णतया सुरक्षित है।
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