
(तरुण कौशिक, कार्यकारी संपादक, डिसेंट रायपुर)
बिलासपुर। पूरा विश्व कोरोना वायरस के कहर से सहमें हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कोरोना वायरस के बचाव के 14 अप्रैल तक धारा 144 लागू कर दिए हैं ।जिनका जनता पूरी तरह से समर्थन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश – प्रदेश में कर्फ्यू को सफल बनाने पुलिस प्रशासन कड़ी मेहनत कर रहे हैं जो काबिल ए तारीफ हैं । छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर रेंज के कड़क पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा ,पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल इस कर्फ्यू को सफल बनाने जनता से अपील करते हुए खुद सड़क पर मोर्चा संभाल रहे हैं लेकिन कुछ जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों- कर्मचारियों को न जाने क्यों इतना गुस्सा हैं कि वह बड़ो से लेकर बच्चों पर डंडा बरसाने दौड़ा रहे हैं ।जिससे पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं?
बिलासपुर में कल ही एक टीआई ने पेट्रोल पंप के कर्मचारी पर डंडा बरसाने का मामला सामने आया और आईजी के निर्देश पर केवल लाइन अटैच कर मामले को दबाने की कोशिश की गई। वहीं आज मेरे निवास स्थान तिफरा स्थित नगर निगम के जोन कार्यालय के पास वाली गली यानि कि कुंदरापारा ,आर्या कालोनी रोड पर शाम 5 से 6 बजे के पांच से 12 साल के मासूम बच्चे खेलने में लगे हुए थे उसे यहां पहुंचे पुलिस पेट्रोलिंग के कर्मचारी पीटने के लिए डंडा लेकर दौड़ाने लगे। इसी तरह तखतपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत नगोई में पहुंचे पुलिस कर्मियों ने आनंद कौशिक के आठ साल के पुत्र नागेश कौशिक, रामेश्वर कौशिक के पुत्र रोहित कौशिक 13 साल सहित इस पंचायत के मासूम बच्चों पर डंडे बरसाए गए। पुलिस जनता और बच्चों को समासईश देने के बजाए बच्चों पर मारपीट किये जाने से बिलासपुर पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर जनता में आक्रोश देखने को मिल रहा है।जिससे आईजी और एसपी की छवि इनके ही महकमे धूमिल करने में भी लगे हुए हैं।