
रविवार को देश भर में जनता कर्फ्यू के माध्यम से लोग स्वेच्छा से अपने घरों में रहे। इस बीच देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। राजस्थान के भीलवाड़ा तथा केरल के कुछ क्षेत्र कोरोना के तीसरे स्टेज में पहुंच चुके हैं। अच्छी बात यह है कि छत्तीसगढ़ में अभी यह पहले स्टेज तक ही पहुंचा है।
ये स्टेज क्या होता हैं?. आइये समझते हैंं–
*पहला स्टेज*
विदेश से आये अजय को एयरपोर्ट पर चेकिंग के दौरान बुखार नहीं था। उसको घर जाने दिया गया। लेकिन उससे एयरपोर्ट पर एक शपथ पत्र भरवाया गया कि वह 14 दिन तक अपने घर में कैद रहेगा। और बुखार आदि आने पर इस नम्बर पर सम्पर्क करेगा। घर जाकर अजय ने शपथ पत्र की शर्तों का पालन किया। वह घर में कैद रहा, यहां तक कि उसने घर के सदस्यों से भी दूरी बनाए रखी। अजय की माँ ने कहा कि अरे तुझे कुछ नहीं हुआ तू अलग थलग मत रहा कर। तुझे इतने दिन बाद घर का खाना मिलेगा, आजा किचन में… मैं गरम गरम् परोस दूं।
अजय ने मना कर दिया। अगली सुबह माँ ने फिर वही बात कही। इस बार भी अजय अपनी बात पर अडिग रहा । माँ की आंख में आंसू छलक आये। माँ बुरा मान गयीं। अजय सबसे अलग थलग ही रहता रहा। 6-7वें दिन अजय को बुखार सर्दी खांसी जैसे लक्षण आने लगे। अजय ने हेल्पलाइन पर फोन लगाया। कोरोना टेस्ट किया गया। वह पॉजिटिव निकला।
अजय के घर वालों का भी टेस्ट किया गया। वह सभी नेगेटिव निकले। पड़ोस की 1 किमी की परिधि में सबसे पूछताछ की गई। ऐसे सब लोगों का टेस्ट भी किया गया। सबने कहा कि अजय को किसी ने घर से बाहर निकलते नही देखा। चूंकि उसने अपने आप को अच्छे से आइसोलेट किया था इसीलिए उसने किसी और को कोरोना नहीं फैलाया।
अजय जवान था। कोरोना के लक्षण बहुत मामूली थे। बस बुखार सर्दी खांसी बदन दर्द आदि हुआ। 7 दिन के ट्रीटमेंट के बाद अजय बिल्कुल ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी पाकर घर आ गया। जो माँ कल बुरा मान गईं थीं, वो आज शुक्र मना रहीं हैं कि घर भर को कोरोना नहीं हुआ। यह पहली स्टेज जहां सिर्फ विदेश से आये आदमी में कोरोना है। उसने किसी दूसरे को यह नहीं दिया।
*स्टेज दो*- राजू में कोरोना पॉजिटिव निकला
राजूसे पिछले दिनों की सारी जानकारी पूछी गई। उस जानकारी से पता चला कि वह विदेश नहीं गया था। पर वह एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है। वह परसों गहने खरीदने के लिए एक ज्वेलर्स के पास गया था। वहां के सेठजी हाल ही में विदेश घूमकर लौटे थे।
सेठजी विदेश से घूमकर आये थे। उनको एयरपोर्ट पर बुखार नहीं था। इसी कारण उनको घर जाने दिया गया। पर उनसे शपथ पत्र भरवा लिया गया, कि वह अगले 14 दिन एकदम अकेले रहेंगे और घर से बाहर नहीं निकलेंगे। घर वालों से भी दूर रहेंगे।
विदेश से आये इस सेठ ने एयरपोर्ट पर भरे गए उस शपथ पत्र की धज्जियां उड़ाईं।
घर में वह सबसे मिला। शाम को अपनी पसंदीदा सब्जी खाई और अगले दिन अपनी ज्वेलेरी दुकान पर जा बैठा। (पागल हो क्या! सीजन का टेम है, लाखों की बिक्री है, ज्वेलर साब अपनी दुकान बंद थोड़े न करेंगे) 6वें दिन सेठ जी को बुखार आया। उसके घर वालों को भी बुखार आया। घर वालों में बूढ़ी मां भी थी। सबकी जांच हुई। जांच में सब पॉजिटिव निकले।
यानि विदेश से आया आदमी खुद पॉजिटिव और फिर उसने घर वालों को भी पॉजिटिव कर दिया। इसके अलावा वह दुकान में 450 लोगों के सम्पर्क में आया। जैसे नौकर चाकर, ग्राहक आदि। उनमें से एक ग्राहक राजू था। सब 450 लोगों का चेकअप हो रहा है। अगर उनमें किसी में पॉजिटिव आया तो भी यह सेकंड स्टेज है।
डर यह है कि इन 450 में से हर आदमी न जाने कहाँ कहाँ गया होगा। कुल मिलाकर स्टेज 2 यानी कि जिस आदमी में कोरोना पोजिटिव आया है, वह विदेश नहीं गया था। पर वह एक ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है।
*स्टेज तीन*
राम सिंह को सर्दी खांसी बुखार की वजह से अस्पताल में भर्ती किया, वहां उसका कोरोना पॉजिटिव आया। पर राम सिंह न तो कभी विदेश गया था न ही वह किसी ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आया है जो हाल ही में विदेश होकर आया है यानि हमें अब वह स्रोत नहीं पता कि रामसिंग को कोरोना आखिर लगा कहाँ से??
स्टेज 1 में आदमी खुद विदेश से आया था। स्टेज 2 में पता था कि स्रोत सेठजी हैं। हमने सेठजी और उनके सम्पर्क में आये हर आदमी का टेस्ट किया और उनको 14 दिन के लिए अलग थलग कर दिया और अब स्टेज 3 में आपको स्रोत ही नहीं पता। स्रोत नहीं पता तो हम स्रोत को पकड़ नहीं सकते। उसको अलग थलग नहीं कर सकते। वह स्रोत न जाने कहाँ होगा और अनजाने में ही कितने सारे लोगों को इन्फेक्ट कर देगा।
*स्टेज 3 बनेगा कैसे?*
सेठजी जिन 450 लोगों के सम्पर्क में आये। जैसे ही सेठजी के पॉजिटिव होने की खबर फैली, तो उनके सभी ग्राहक,नौकर नौकरानी, घर के पड़ोसी, दुकान के पड़ोसी, दूध वाला, बर्तन वाली, चाय वाला….सब अस्पताल को दौड़े। सब लोग कुल मिलाकर 440 थे। 10 लोग अभी भी नहीं मिले। पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम उनको ढूंढ रही है। उन 10 में से अगर कोई किसी मंदिर आदि में घुस गया तब तो यह वायरस खूब फैलेगा। यही स्टेज 3 है जहां आपको स्रोत नहीं पता।
*स्टेज 3 का उपाय*
14 दिन का lockdown (कर्फ्यू) लगा दो। शहर को 14 दिन एकदम तालाबंदी कर दो। किसी को बाहर न निकलने दो।
इस तालाबंदी से क्या होगा?
हर आदमी घर में बंद रहेगा। जो आदमी किसी संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में नहीं आया है वह तो सुरक्षित है। जो अज्ञात स्रोत है, वह भी अपने घर में बंद रहेंगा। जब वह बीमार पड़ेगा, तो वह अस्पताल में पहुंचेगा और हमें पता चल जाएगा कि अज्ञात स्रोत यही है।
हो सकता है कि इस अज्ञात श्रोत ने अपने घर के 4 लोग और संक्रमित कर दिए हैं, पर बाकी का पूरा शहर बच गया। अगर LOCKDOWN न होता। तो वह स्रोत पकड़ में नहीं आता। और वह ऐसे हजारों लोगों में कोरोना फैला देता। फिर यह हजार अज्ञात लोग लाखों में इसको फैला देते। इसीलिए lockdown से पूरा शहर बच जाएगा और अज्ञात स्रोत पकड़ में आ जाएगा।
*क्या करें कि स्टेज 2, स्टेज 3 में न बदले*
Early lockdown यानी स्टेज 3 आने से पहले ही तालाबन्दी कर दो। यह lockdown 14 दिन से कम का होगा।
उदाहरण के लिए- मान लिया जाए सेठजी एयरपोर्ट से निकले उन्होंने धज्जियां उड़ाईं और घर भर को कोरोना दे दिया। सुबह उठकर दुकान खोलने गए, तालाबंदी के कारण पुलिस वाले सेठजी की तरफ डंडा लेकर दौड़े। डंडा देख सेठजी शटर लटकाकर घर भाग गये।
अब चूंकि मार्केट बन्द है तो 450 ग्राहक भी नहीं आये। सभी बच गए। राजू भी बच गया।बस सेठजी के परिवार को कोरोना हुआ। 6वें 7वें दिन तक कोरोना के लक्षण आ जाते हैं। विदेश से लौटे लोगों में लक्षण आ जाये तो उनको अस्पताल पहुंचा दिया जायेगा। और नहीं आये तो इसका मतलब वो कोरोना नेगेटिव हैं।
source-DD NEWS