
बिलासपुर: खाद्य विभाग के निरीक्षक इन दिनों राशन दुकानों से वसूली के काम पर लगे हैं। हाल ही में शहर की एक दुकान से एक दो नहीं तीन निरीक्षकों ने दबाव बनाकर बड़ी धनराशि वसूली। उस दौरान एक नेता नुमा युवक और उसके दोस्त भी खड़े थे। जिन्होंने दुकानदार को इस बात के लिए प्रेरित किया कि खाद्य निरीक्षकों को पैसा दे दो। असल में पूरा मामला मार्च क्लोजिंग से जुड़ा हुआ है। दुकानदार का हिसाब-किताब ठीक है, किंतु कागजों पर वह इस चीज को चढ़ा नहीं पा रहा है और खाद्य निरीक्षक इसी समस्या का हवाला देकर रकम ऐंठ चुके हैं। इसके पहले भी खाद्य विभाग के एक से एक मामले उजागर हो चुके हैं। बिल्हा के बुरीपार का मामला जगजाहिर है. जिसमें तहसीलदार ने खाद्यान्न का घोटाला कई क्विंटल में निकाला और खाद्य निरीक्षक ने उसी खाद्यान्न घपले को किलो मे बदल दिया। सरपंच और सचिव से लंबी रकम ऐंठ कर संयुक्त जांच दल वाली टीम दबा दी और अब तो मुढीपार में सत्ता भी बदल गई। महिला सरपंच, सचिव का तबादला हो चुका है। सरपंच बदल चुका है। राशन दुकान जहां की तहां चल रही है और इतना ही नहीं राशन दुकान का घपला सतत जारी है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति राशन दुकान में खाद्यान्न लेने जाता है ,उसे राशन दुकान द्वारा खाद्यान्न न देकर तीन विकल्प पहले बताते हैं। पहला खाद्यान्न की जगह पैसे ले लो, दूसरा मोटे चावल की जगह पतला चावल ले लो और तीसरा चावल की जगह बढ़ी हुई मात्रा में शक्कर ले लो। यह सब घपला खाद्य निरीक्षकों के संरक्षण में ही चल रहा है और पूरे खेल में खाद्य विभाग के अधिकारी सिर्फ यही कहते हैं कि फसेंगे साले किसी दिन।