
बिलासपुर। सात माह पहले मुंगेली के पथरिया थाना क्षेत्र में एक महिला की संदिग्ध मौत हुई थी। मामले में पुलिस ने एक युवक के साथ 90 वर्षीय पिता को हत्या के आरोप में जेल भेजवा दिया। सात माह बाद बाद बुजुर्ग ने जेल से छूटने के बाद अपनी बेगुनाही के लिए आईजी से गुहार लगाई है।
बुजुर्ग का आरोप है कि पुलिस ने बिना जांच किए पड़ोस में रहने वाली महिला की मौत के मामले में उसे ही आरोपी बना दिया, जबकि घटनास्थल पर बुजुर्ग मौजूद ही नहीं था। वहीं भोपाल से आए बेटे को पुलिस ने हत्या के मामले में जेल भिजवा दिया। बुजुर्ग ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए पथरिया पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। आपकों बता दें कि पथरिया थाना क्षेत्र के ग्राम डाड़ निवासी तुलसीदास खूंटे (90) अपने परिवार के साथ रहता है। पड़ोस में रहने वाली प्रिया दास के परिवार से तुलसीदास का जमीन विवाद चल रहा था। सात माह पहले प्रिया दास की मां चंद्रिका बाई (80) की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी। मृतका के पुत्र प्रिया दास व परिजनों ने महिला की मौत के लिए तुलसीदास के परिवार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने पुलिस को इस आशय का बयान भी दिया। पुलिस ने बगैर जानकारी दिए पूछताछ के बहाने तुलसीदास को थाने बुलाकर हत्या के आरोप में उसके खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया। मजदूरी करने भोपाल गए पुत्र महेन्द्र को जब मामले की जानकारी हुई, तब किसी तरह अपने पिता तुलसीदास को जमानत पर रिहा कराया। आईजी से गुहार लगाने पहुंचे वृद्ध तुलसीदास ने मीडिया को बताया कि किस तरह पुलिस ने उसे दोषी ठहरा दिया, जबकि इस मामले में उसके रिश्तेदार ही दोषी है। जमीन विवाद को लेकर जबरन उसे फंसा दिया गया है। उसने मीडिया को बताया जिस दिन महिला की मौत हुई उस दिन उसका बेटा महेन्द्र भोपाल में था। मामले की जानकारी मिलने पर महेन्द्र जब गांव पहुंचा तो पुलिस ने उसे भी दबोच लिया। उसने आईजी को ज्ञापन सौंपते हुए मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।