कुरदा गांव में श्रीमद भागवत सुनने उमड़ रहे श्रद्धालु
चांपा। यह संसार ही सरोवर है और जीव गजेंद्र है जिसे काल रूपी ग्राह पकड़ता है। लेकिन दुनिया के सब रिश्ते स्वार्थ के होते है। वे डूबने के समय बचाने नही आते। बचाते तो केवल ईश्वर है।
ये बातें गजेंद्र मोक्ष की कथा में व्यासपीठ से आचार्य अशोक तिवारी ने पटेल समाज कुरदा में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में कही। उन्होंने कहा कि समुद्र मंथन का तात्पर्य अपने स्वयं के मन मंथन से है। यदि हमारे मन मे दैत्य रूपी विकार ने कब्जा कर लिया तो उसे दूर करने के लिए समुद्री रूपी मन को भगवान की याद को धारण कर मथना होगा। जब शरीर एवं हृदय से विकार रूपी विशाक्त बाहर आयेंगे तो अमृत रूपी चित शुद्धि की प्राप्ति होगी। कथा के चैथे दिवस रामजन्म एवं कृष्ण जन्म की कथा का सविस्तार उन्होंने वर्णन किया। साथ ही मनोरम झांकिया भी सुंदर निकाली गई।