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आज चारा घोटाला मामले पर फैसला…….

रांची। नौ सौ पचास करोड़ रुपए के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपए की अवैध निकासी के मुकदमे में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, विद्यासागर निषाद, आर के राणा, जगदीश शर्मा, ध्रुव भगत, सहित 22 लोगों के खिलाफ सीबीआई की विशेष कोर्ट शनिवार को अपना फैसला सुनाएगी।

इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, सत्तर लाख रुपए अवैध ढंग से निकासी करने के चारा घोटाले के एक अन्य मामले में इन सभी को सजा हो चुकी है। रांची की केन्द्रीय जांच ब्यूरो की शिवपाल सिंह की विशेष कोर्ट कल इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी।

साल 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपए की फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से पशु चारे के नाम पर निकासी के इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्टूबर, 1997 को मुकदमा संख्या आरसीा 64 ए 1996 दर्ज किया था और लगभग 21 वर्षों बाद इस मामले में कल फैसला आने की संभावना है।

इस मुकदमे में लालू, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा एवं ध्रुव भगत, आर के राणा, तीन आईएएस अधिकारी फूलचंद सिंह, बेक जूलियस एवं महेश प्रसाद, कोषागार के अधिकारी एस के भट्टाचार्य, पशु चिकित्सक डॉ. के के प्रसाद और शेष अन्य चारा आपूर्तिकर्ता आरोपी थे।

सभी 38 आरोपियों में से जहां 11 की मौत हो चुकी है, वहीं तीन सीबीआई के गवाह बन गए, जबकि दो ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था जिसके बाद उन्हें 2006-7 में ही सजा सुना दी गई थी। इस प्रकार इस मामले में कल अदालत कुल 22 आरोपियों के खिलाफ ही अपना फैसला सुनाएगी।  शिवपाल सिंह की कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों के गवाहों के बयान दर्ज करने और बहस के बाद अपना फैसला 13 दिसंबर को सुरक्षित रख लिया था।

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में पेश होने के लिए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव अपने छोटे बेटे एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ शुक्रवार शाम चार बजे पटना से रांची पहुंचे और शनिवार को वह अदालत में फैसला सुनने के लिए सुबह ग्यारह बजे पेश होंगे।  लालू के अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में यदि लालू एवं अन्य को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें अधिकतम सात वर्ष की एवं न्यूनतम एक वर्ष की कैद की सजा होगी।

इस बीच सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि देवघर कोषागार से फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से धन निकालने के इस मामले में लालू प्रसाद यादव एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477 ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 131 डी एवं 132 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में गबन की धारा 409 में दस वर्ष तक की और धारा 467 के तहत तो आजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है।

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