रायपुर। राजधानी रायपुर में सोमवार को सर्व आदिवासी समाज की महारैली रावणभांठा स्थित मैदान में आयोजित की गई। इसमें हजारों के तादाद में आदिवासी सभा में शामिल होने से दोपहर तक आने का सिलसिला जारी रहा।
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले प्रदेश के आदिवासी समाज राजधानी में विधानसभा चुनाव से पहले अपनी ताकत का एहसास सरकार को करा देना चाहता है। आदिवासी समाज के लोग अपनी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर एकजुट हुए हैं। सर्व आदिवासी समाज के प्रमुख सोहन पोटाई ने बताया कि रैली के लिए हर ब्लॉक से करीब 25 हजार लोगों के शामिल होने का लक्ष्य समाज द्वारा रखा गया है। आदिवासी समाज अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा को लेकर इस महाप्रदर्शन की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस महारैली में चुनावी साल को देखते हुए भी सर्व आदिवासी समाज अपनी रणनीति तैयार करेगा।
भूमि अधिग्रहण विधेयक को पूर्ण रूप से समाप्त करने की मांग भी इस महारैली के माध्यम से की जाएगी। इसके अलावा माओवादियों के नाम पर जिन आदिवासियेां को जेल में बंद किया गया है, उनके संबंध में भी राज्य सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचेंगे। लिहाजा, रायपुर के रावांभाटा मैदान में होने वाले इस आयोजन में सुबह से ही लोग बसों व ट्रकों में सवार होकर प्रदेशभर से करीब 2 लाख के आसपास आदिवासियों के इस रैली में शामिल होने की संभावना है।
सर्वआदिवासी समाज के इस रैली में बार-बार नारा लगता रहा- अबकी बार आदिवसी सरकार।
श्री पोटाई ने कहा कि आदिवासी समाज अपने खिलाफ हो रहे शोषण को लेकर आंदोलन करने पर ऊतारु हो गया है। आज देश के जितने भी आदिवासी बाहुल्य राज्य हैं नक्सलवाद की चपेट में हैं। नक्सलवाद के नाम पर आदिवासियों के खिलाफ अप्रत्यक्ष युद्व छेड़ रखा है।