बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने नीतीश सरकार के भ्रष्टाचार में डूबे होने के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के आरोप को हास्यास्पद बताया और कहा कि जो खुद भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं और जिसका पूरा परिवार बेनामी सम्पत्ति के मामले में फंसा हुआ है उसे बेबुनियाद आरोप लगाने का हक नहीं है।
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने मंगलवार को यहां कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में भ्रष्टाचार मुक्त और अपराध मुक्त सरकार है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार के भ्रष्टाचार में डूबे होने का राजद अध्यक्ष यादव का आरोप हास्यास्पद है। यादव खुद भ्रष्टाचार के मामले में रांची जेल में बंद हैं और उनका पूरा परिवार भ्रष्टाचार के कई मामलों में फंसा हुआ है।
ऐसी स्थिति में उन्हें कुमार और उनकी सरकार के खिलाफ कुछ भी कहने का हक नहीं है। प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्वच्छ छवि के बल पर ही 2015 के विधान सभा चुनाव में राजद को वोट मिला। सरकार का हर काम पारदर्शिता के साथ हो रहा है, जिसमें भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है।
उन्होंने कहा कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वाच (न्यू) की रिपोर्ट के अनुसार देश के मुख्यमंत्रियों में नीतीश कुमार संपत्ति के मामले में 22 वें स्थान पर हैं। गौरतलब है कि एडीआर ने देश के 31 मुख्यमंत्रियों पर रिपोर्ट जारी की है जिसमें देश के सबसे अमीर और सबसे गरीब मुख्यमंत्रियों के बारे में बताया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री आंध्रप्रदेश के चंद्रबाबू नायडू हैं। उनकी घोषित संपत्ति 177 करोड़ रुपए है। वहीं सबसे कम संपत्ति वाले मुख्यमंत्री त्रिपुरा के मणिक सरकार हैं जिनकी संपत्ति 27 लाख रुपए है।