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87 साल पहले आज ही राजधानी बनी थी दिल्ली……

नई दिल्ली। भारत की आधुनिक राजधानी नई दिल्ली जिसके बीचोंबीच अपने स्थापत्य पर इतराता भव्य रायसीना हिल्स परिसर है, आज 87 बरस की हो गई। हलके बादामी रंग के ग्रेनाइड से बनी परिसर की इन मजबूत इमारतों को बनाने में 20 बरस लगे थे और 1931 में आज ही के दिन तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने इसका उद्घाटन किया था।

देश की राजनीति की दशा और दिशा तय करने वाली राजधानी का यह हिस्सा अपनी भव्यता की कहानी सुनाता है। विशाल गुंबद और मजबूत खंबों पर खड़ा राष्ट्रपति भवन और नार्थ ब्लाक तथा साउथ ब्लाक की इमारतें दिल्ली के इतिहास का अहम हिस्सा हैं। इन्हें विश्वप्रसिद्ध वास्तुशिल्पी सर एडविन लुटियंस और सर हर्बर्ड बेकर ने डिजायन किया था।

12 दिसंबर, 1911 को ब्रिटिश महाराजा जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थातांरित करने की घोषणा की थी।
‘न्यू दिल्ली: द लास्ट इंपीरियल सिटी’ में डॉ जॉनसन और रिचर्ड वाटसन ने लिखा है, ‘शाही दिल्ली ने फरवरी, 1931 में अपना पूर्ण स्वरूप हासिल किया था जब एक हफ्ते तक चले उद्घाटन समारोह में नई राजधानी दुनिया भर के सामने आई थी।’

उद्घाटन समारोह रायसीना पहाड़ी पर हुआ जहां इस मौके पर भव्य समारोह आयोजित किए गए थे। किताब में कहा गया, ‘1911 में शुरूआत के बाद से राजधानी का मतलब किसी एक ऐसी जगह से कहीं ज्यादा था जहां सरकार काम करे। इसकी नियति औपनिवेशिक वास्तुकला एवं औपनिवेशिक नगर योजना से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि बनना थी, ब्रिटिश शासन के योग्य राजधानी बनना थी।

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