नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को संसद में वित्त वर्ष 2018-19 का आम बजट पेश किया जिसकी मुख्य विशेषताएं इस प्रकार है:
– कृषि, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, छोटे उद्योग और बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों को मजबूत करने पर जोर।
– विनिर्माण, सेवा और निर्यात क्षेत्रों में विकास के पटरी पर वापस आ जाने से भारत अब आठ प्रतिशत से भी अधिक की आर्थिक विकास दर हासिल करने की दिशा में अग्रसर।
– अधिकतर रबी फसलों की ही तरह सभी अघोषित खरीफ फसलों की एमएसपी उनकी उत्पादन लागत से डेढ़ गुना करने की घोषणा।
– कृषि क्षेत्र के लिए वर्ष 2018-19 में 11 लाख करोड़ रुपए।
– 86 प्रतिशत छोटे एवं सीमांत किसानों के हितों की रक्षा के लिए 22,000 ग्रामीण हाटों को ग्रामीण कृषि बाजारों के रूप में विकसित एवं उन्नत किया जाएगा।
– आलू, टमाटर और प्याज की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव की समस्या से निपटने के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन ’ शुरू।
– मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्रों के लिए 10,000 करोड़ रुपए के दो नए कोष की घोषणा।
– राष्ट्रीय बांस मिशन के लिए 1,290 करोड़ रुपए का आवंटन।
– महिला स्वयं सहायता समूहों को मिलने वाली ऋण राशि 75,000 करोड़ रुपए।
– वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक और पोस्ट ऑफिस में सावधि जमा पर (50,000 रुपए तक) स्रोत पर आयकर छूट की व्यवस्था।
– निम्न एवं मध्यम वर्ग को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन, बिजली और शौचालय सुलभ कराने हेतु उज्ज्वला, सौभाग्य और स्वच्छ मिशन के लिए नए लक्ष्य तय।
– स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक संरक्षण के लिए परिव्यय 1.38 लाख करोड़ रुपए होगा।
– जनजातीय विद्यार्थियों के लिए वर्ष 2022 तक हर जनजातीय प्रखंड में एकलव्य आवासीय स्कूल।
– अनुसूचित जातियों के लोगों से जुड़े कल्याण कोष को बढ़ावा।
–10 करोड़ परिवारों के लिए पांच लाख रुपए प्रति परिवार तक की सीमा के साथ दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संरक्षण योजना शुरू।
– राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान।
– बुनियादी ढांचागत क्षेत्र के लिए 5.97 लाख करोड़ रुपए का आवंटन।
– देश में 99 स्मार्ट सिटीज के विकास पर 2.04 लाख करोड़ रुपए खर्च करने की व्यवस्था।
– 19,428 करोड़ रुपए की लागत से 500 शहरों में पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त करने और 10 प्रमुख स्थलों को प्रतीक पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने का प्रावधान।
– स्वर्ण को एक परिसंपत्ति श्रेणी के रूप में विकसित करने के लिए व्यापक स्वर्ण नीति बनाने की तैयारी।
– 250 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाली कंपनियों पर 25 प्रतिशत कंपनी कर।
– परिवहन भत्ते के लिए मौजूदा छूट और विविध चिकित्सा खर्चों की प्रतिपूर्ति के बदले 40,000 रुपए की मानक कटौती।
– वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंकों और डाकघरों में जमाराशियों पर ब्याज आमदनी संबंधी छूट 10,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए।
– प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की अवधि मार्च 2020 तक बढ़ाने का प्रस्ताव।
– ट्रस्टों और संस्थानों को 10,000 रुपए से अधिक का नकद भुगतान करने की अनुमति नहीं।
– एक लाख रुपए से अधिक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से कर।
–शिक्षा एवं सामाजिक सेवा उपकर तीन से बढ़ाकर चार प्रतिशत।