नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार की आर्थिक नीतियों का बचाव करते हुए आश्वस्त किया कि बैंकों में जमा आम आदमी का पैसा पहले से ज्यादा सुरक्षित होगा।
जेटली ने लोकसभा में 2017-18 के लिए अनुदान की पूरक मांगों पर चर्चा के जवाब में वित्तीय समाधान जमा बीमा विधेयक 2017 (एफआरडीआई) को लेकर विपक्षी सदस्यों की शंकाओं का निराधार बताते हुए कहा कि इसे लेकर बेवजह आशंका जताई जा रही है। विधेयक में ऐसा कुछ भी नहीं है उल्टे इसके प्रावधान इतने सशक्त बनाए गए हैं कि इससे बैंकों में जमा आम आदमी का पैसा और ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा।
विपक्ष के इस आरोप पर कि सरकार गैर निष्पादित परिसंपत्तियों के दबाव में खस्ता हाल में पहुंच गए बैंको को उबारने के लिए ही आम आदमी के जमा पैसों पर हाथ डालने जा रही है और इसीलिए एफआरडीआई विधेयक ला रही है वित्त मंत्री ने पर कहा कि ये गलत आरोप हैं। जहां तक बैंकों की मौजूदा दुर्दशा की बात है तो यह उन रिणों के कारण हैं जो संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के शासन में दिए गए थे। मौजूदा सरकार तो बैंकों की सेहत सुधारने की कोशिश में लगी है।
जेटली ने कहा कि सिर्फ बैंक ही नहीं बल्कि निर्यात, विनिर्माण क्षेत्र को भी सुधारने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। बेहद खस्ता हालत में जा चुकी राजमार्ग परियोजनाएं आज तेजी से तरक्की पर हैं। निर्यात में भी तेजी आ रही है।
जीएसटी और नोटबंदी को हड़बड़ी में लाए जाने के विपक्ष आरोप पर उन्होंने कहा कि जीएसटी को समय पर लाया जाना संवेैधानिक आवश्यकता थी । संप्रग सरकार में तरह -तरह के टैक्स लगते थे जिससे एक व्यक्ति को 31 फीसदी तक टैक्स चुकाना पड़ता था यह सीमा घटकर अधिकतम 28 पर आ गयी है। उन्होंन तंज कसते हुआ कहा कि तब‘हमारे विपक्षी साथियों को गब्बर भसह टैक्स की याद नहीं आयी थी‘।
नोटबंदी पर उन्होंने कहा कि इसे अर्थव्यवस्था में नकदी को कम करने ,डिजटलीकरण और कर आधार बढ़ाने के लिए उद्देश्य से लाया गया था ये सारे पूरे हुए। एयर इंडिया के निजीकरण की तैयारियों के सवाल पर उन्होंने कहा कि कंपनी के 55 हजार करोड़ रूपए के घाटे की भरपाई आम आदमी पर टैक्स लगाकर नहीं की जाएगी। कुछ स्थितियां ऐसी होती है जब उचित फैसले लेने पड़ते हैं।
ओखी से दक्षिण भारत में हुए नुकसान पर उन्होंने कहा कि केन्द्र इसके लिए अपनी ओर से हर संभव मदद मुहैया कराएगी। इसके साथ ही सदन ने ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने, मनरेगा के लिए अधिक धन आवंटित करने और यूरिया सब्सिडी आदि के लिए 66113. 34 करोड़ रूपए की दूसरी पूरक अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
इन मांगों में 76 अनुदान मांगे और तीन विनियोग मांगें शामिल है। सरकार ने 66113.34 करोड़ रूपए के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिए सदन की अनुमति मांगी थी। इसमें से शुद्ध नकद व्यय 33379.99 करोड़ रूपए है और विभिन्न मंत्रालयों तथा विभागों की बचत या बढ़ी हुयी वसूलियों के बराबर सकल अतिरिक्त व्यय 32732.05 करोड़ रूपए है। सरकार ने सोमवार को पूरक अनुदान मांगों को लोकसभा में पेश किया था।