बिलासपुर छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य प्रदेश है सरकार खुद को आदिवासियों की हितैषी सरकार बतलाती है आदिवासियों के लिये संविधान में भी संरक्षण का प्रावधान है वहीं सरकार का कहना भी है कि सबका साथ सबका विकास।
कहते हैं कि गांव के विकास में पंचायत और पंचायत प्रतिनिधि की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री आवास योजना का शुभारंभ कर पूरे देश में गरीबों को सर ढकने एक अदद घर मुहैया कराने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन बिलासपुर जिला पंचायत अंतर्गत जनपद कोटा का एक पंचायत जहां गरीबों के लिये बनाई गई बरसों पुरानी इंदिरा आवास योजना पंचायत प्रतिनिधि और अधिकारियों की लापरवाही से दम तोड़ती नजर आ रही है और उसके पीड़ित आदिवासी हितग्राही पांच साल बाद ,आज भी आधे अधूरे आवास के पूरे होने का बेसबरी से इंतजार कर रहे हैं ।
कहते हैं सरकारी योजना और भ्रष्टाचार एक दूसरे के पूरक होते हैं। कोई भी सरकारी योजना भ्रष्टाचार का शिकार हुए बिना पूर्ण हो ही नहीं सकती। योजनाओं की रकम गबन करने हर तरह के हथकंडे अपनाऐ जाते हैं गबन में पूरी सरकारी मशीनरी शामिल होती है यही कारण है कि योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार की शिकायतों में ना तो कार्यवाही होती है और ना ही कोई मामला बनता है।
ऐसी ही शासन की एक महत्वपूर्ण योजना है इंदिरा आवास। कोटा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत खोंगसरा में राष्ट्रपति के दत्तकपुत्र कहे जाने वाले बैगा आदिवासी व गरीब आदिवासियों से इंदिरा आवास बनाकर देनें के नाम पर सरपंच पति ने ना केवल योजना की राशि को बैंक से आहरण कराया वरन आवास बनाये जाने का आश्वासन देकर रकम भी हड़प ली फिर हितग्राही आवास बनाने के नाम पर जनप्रतिनिधि के घर का चक्कर काटने मजबूर हो गये लेकिन पांच साल बीत जाने के बावजूद उनका आवास अधूरा ही रहा। वहीं इस पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारियों ने मामलें की जांच कराये जाने की बात कह अपना पल्ला झाड़ते नजर आये।
इंदिरा आवास योजना में सरकार दवारा आवासहीन गरीब परिवारों को आवास बनाने हेतु तीन किश्तों में 55 हजार रुपये बैंक के दवारा राशि उपलब्ध कराई जाती है। वर्ष 2012.13 व 2013.14 में जनपद पंचायत कोटा अंतर्गत ग्राम पंचायत खोंगसरा में कुल 52 हितग्राहियों के नाम इंदिरा आवास स्वीकृत किया गया था जिसमें 22 बैगा आदिवासी हितग्राही थे जिन्हे राष्ट्रपति का दत्तकपुत्र कहा जाता है लेकिन तत्कालीन आदिवासी महिला सरपंच कलेशिया बाई खुसरो के पति शिवमान सिंह खुसरों जो भारतीय जनता पार्टी में मंडल अध्यक्ष के पद पर है नें हितग्राहियों को आवास की राशि दिलानें व आवास बना कर देने का झांसा देकर उन गरीब परिवारों के नाम पर स्वीकृत राशि बैंक में निकलवाकर हड़प ली। ऐसा उसने गांव के ज्यादातर हितग्रहियों के साथ किया। अनपढ़ भोले भाले आदिवासियों नें सरपंच पति पर भरोसा करते हुए आवास के नाम पर आई राशि आहरण के लिये विड्राल फार्म पर हस्ताक्षर कर दिये ताकि आहरित राशि से उनका मकान बन सके। किन्तु रुपये दिये जाने के पांच साल इंतजार के बाद भी सरपंच पति दवारा कभी थोड़े बहुत इंट तो कभी पैसे देकर उन्हे आवास बन जाने का कोरा आश्वासन देता रहा ऐसा करते चार से पांच साल गुजर गये लेकिन आवास बना नहीं। पांच साल बाद गांव के लोगों नें पंचायत चुनाव में शिवमान की पत्नी की जगह गिरजा बाई पोर्त को अपना सरपंच चुन लिया। पत्नी के सरपंच पद चुनाव हार जाने के बाद शिवमान सिंह नें गांव में दबंगई शुरु कर दिया गांव के भोले भाले लोगों को शासन दवारा विकास की योजना के नाम पर आये विकास कार्यों गांव की जमीन पर काम कराये से रोक लगा दी और कार्य करने पर जान से मारने की घमकी देने लगा जिस बात की शिकायत ग्रामीणों नें पिछले साल लोक सुराज के दौरान कलेक्टर बिलासपुर से लिखित में की तब इस बात का खुलासा हुआ की शिवमान नें पत्नी के सरपंच पद पर रहते हुए ना केवल अपने गांव के भोली – भाली गरीब जनता को ठगा बल्कि गांव की ही शमशान भूमि और गांव के बरनाला तालाब पर भी कब्जा कर लिया है।
वहीं शासन से मिले इंदिरा आवास के पूर्ण होने की आस लगाये राष्ट्रपति के दत्तकपुत्र की उपाधि से नवाजे गये माटी बाई बैगा, बजरहीन बैगा कहते है कि पिछले पांच सालों में कई बार शिवमान सिंह को आवास घर को पूरा कराये जाने की बात कह कह थक गये लेकिन आज कल कहते हुए उसने पांच साल काट दिये लेकिन आवास घर आज भी अधूरा है।
गांव की महिला सरपंच गिरिजा बाई पोर्त कहती है कि पूर्व सरपंच पति नें जहां दर्जनों बैगा आदिवासियों के इंदिरा आवास की राशि हड़प ली है वही गांव के पुराने तालाब,शमशान भूमि पर कब्जा कर मनरेगा के तहत होने वाले कार्यो पर रोक लगा रहा है कार्य के कराये जाने पर जान से मारने की घमकी देता है जिसकी शिकायत हमने कलेक्टर बिलासपुर से की है।
जनपद पंचायत कोटा के तत्कालीन मुख्य कार्य पालन अधिकारी हिमांशु गुप्ता नें अधूरे पड़े इंदिरा आवास को पूरा कराये जाने व शिकायत पर जांच उपरान्त दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की बात कहते हुए पूरे मामले की जांच कराये जाने का भरोसा दिलाया था। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद अब तक ना तो जांच पूरी हुई ना हितग्राहियों का आवास बना ना पीड़ितों को न्याय मिला ना ही दोषियों पर कोई कार्यवाही हुई।
पूरे मामले को लेकर जब जिला पंचायत बिलासपुर सीईओ फरिहा आलम सिद्दीकी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए निष्पक्ष जांच कराये जाने के बाद दोषियों पर कार्यवाही और हितग्राहियों के आवास पूर्ण कराये जाने का भरोसा दिलाया था। किन्तु अब तक ना तो कोई जांच हुई ना ही राष्ट्रपति के दत्तकपुत्रों को आशियाना मिला ना ही न्याय।
सुलगते सवाल
>इंदिरा आवास योजना में स्वीकृत आदिवासी हितग्राहियों के आवास निर्माण कराये जाने और उसकी माॅनिटरिंग की जवाबदारी किसकी थी?
>सरंपच पति के खिलाफ की गई शिकायत और मीडिया की बातों को संज्ञान में लेकर अधिकारी क्यों नहीं कर रहे जांच और कार्यवाही?
>संविधान में संरक्षित बैगा आदिवासियों को न्याय दिलाए जाने की बजाय अधिकारी पूरे मामले पर क्यों है मौन?
>बैंक से गरीब बैगा आदिवासियों के नाम से स्वीकृत इंदिरा आवास योजना की जमा रकम कैसे हो जाती है आहरित?
>क्या भारतीय जनता पार्टी का मंडल अध्यक्ष कानून से बढकर है?
कलेक्टर की समीक्षा बैठक में सरकार दवारा चलाई जा रही योजनाओं की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने वाले अधिकारी भी सवालों के घेरे में आते हैं कि आखिरकार उन्होनें सरकार को भेजे जाने वाली रिपोर्ट में झूठी जानकारी देकर वाहवाही लूट रहे हैं ।
बहरहाल न्यायधानी बिलासपुर में गरीबों को घर का सपना दिखलाने वाली इंदिरा आवास योजना हो या प्रधानमंत्री आवास योजना दोनों पर अधिकारी और पंचायत प्रतिनिधि पलिता लगा रहे हैं और गरीबों के नाम स्वीकृत आवास को बनाने का भरोसा जता, आवास की रकम लूट रहे हैं और भोले भाले गरीब बैगा आदिवासियों के हक पर डाका डाल रहे अधिकारी इन जनप्रतिनिधियों पर जांच के बाद कोई ठोस कार्यवाही करेगें या जांच- जांच का खेल खेलते अधिकारी इसी तरह गरीबों के लिये बनी योजनाओं का लाभ दिलाऐ जाने कोरा आश्वासन देकर शासन की योजना को मजाक बना तमाशा देखते रहेंगें।
मिली जानकारी के अनुसार ,शिवमान की शिकायत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक एवं जिला अध्यक्ष रजनीश सिंह से भी की गई थी ,बावजूद इसके इस पर आज तक पार्टी की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई है ,इससे पीड़ितों में भाजपा के प्रति जमकर आक्रोश है।