नई दिल्ली। दिल्ली में चल रहे बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम पर दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद गठित स्पेशल टीम ने छापा मारा। कथित तौर पर रोहिणी इलाके के विजय विहार स्थित इस आश्रम में लड़कियों और महिलाओं को बंधक बनाकर रखा जाता था। इस छापेमारी में आश्रम से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आश्रम पहुंची इस स्पेशल टीम में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल भी मौजूद थी।
उच्च न्यायालय की ओर से नियुक्त पैनल ने कहा कि आश्रम में सौ से अधिक लड़कियों को बंधक बनाकर रखा गया है और उनमें से ज्यादातर नाबालिग हैं। इस मामले पर गुरूवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी, जिसमें स्पेशल टीम आश्रम की रेड की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी। इस रेड का मकसद आश्रम पर लगे आरोप की सच्चाई पता करना था। खबरों के मुताबिक रेड डालने पहुंची स्पेशल टीम को आश्रम के अंदर जाने के लिए काफी मशक्कतों का सामना करना पड़ा और काफी देर बाद आश्रम का गेट खुला।
दिल्ली महिला आयोग की अध्य्क्ष मालीवाल ने दावा किया कि जब वे आश्रम में पहुंचे तो लड़कियों से मिलने में दो घंटे से अधिक का वक्त लगा और उनमें से ज्यादातर लड़कियां नाबालिग हैं। मालीवाल ने कहा कि आश्रम में हम पर हमला भी किया और करीब एक घंटे तक हमें बंधक बनाकर रखा। दिल्ली हाईकोर्ट ने रोहिणी आश्रम में नाबालिगों को बंधक बनाने के मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया।
देर रात हुई इस छापेमारी के वक्त पुलिस उपायुक्त (रोहिणी) रजनीश गुप्ता, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल और वकीलों का एक समूह मौजूद रहा। उल्लेखनीय हैं कि एक एनजीओ ने इस मुद्दे को लेकर दिल्ली उच्च न्यायलय में याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिए।
एक पीडि़त युवती ने कोर्ट से कहा कि उसके अभिभावकों ने 2 माह के कोर्स के लिए आध्यात्मिक विश्वविद्यालय भेजा था। इस दौरान उसके साथ यौन शोषण किया गया। जिसके बाद वो यहां से भागने में सफल रही। इसके साथ ही पीडि़ता ने ये आरोप भी लगाया कि इस आश्रम में बहुत से ऐसे लोग हैं जो नाबालिग युवतियों का ब्रेनवाश करते हैं और यौन शोषण भी करते हैं।