नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मद्देनजर जमीन से लेकर हवा तक सुरक्षा के कड़े इंतजामों के साथ राजधानी दिल्ली अभेद्य दुर्ग में तब्दील हो गई है।
गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहने के कारण इस बार सुरक्षा व्यवस्था और अधिक कड़ी होगी।
जमीन पर सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी जहां अन्य सुरक्षा कर्मियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के कंमाडो दस्ते को सौंपी गई है, वहीं हवाई निगरानी का काम राजधानी के चारों ओर तैनात विमानरोधी तोपों के जिम्मे है।
परेड के मुख्य आयोजन स्थल के साथ ही मध्य और नई दिल्ली के पूरे इलाके में 50 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। इनमें दिल्ली पुलिस के साथ ही केन्द्रीय बलों के सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। परेड के दौरान उसके आसपास सुरक्षा का सात स्तरीय घेरा बना रहेगा।
सरकारी कार्यालयों पर गुरुवार से ही शार्प शूटर तैनात कर दिए गए हैं। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैंं। सीमावर्ती इलाकों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। दिल्ली की सीमा परेड समाप्त होने तक सील रखी जाएगी।
भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थलों पर एलर्ट जारी कर दिया गया है। सुरक्षा दस्ते और खेाजी कुत्तों का दल हर गतिविधि पर नजर रख रहा है। परेड चलने तक राजपथ के आसपास के मेट्रो स्टेशन भी बंद रहेंगे। साथ ही कोई भी विमान दिल्ली के ऊपर से उड़ान नहीं भर सकेगा। दिल्ली का वायु क्षेत्र इस दौरान नो फ्लाई जोन होगा।