
सूरजपुर(विष्णु कसेरा)- सूरजपुर जिले में विकास और विकास कार्यों की अपार संभावनाएं हैं यह क्षेत्र ग्रामीण परिवेश का है यहां कृषि विकास के साथ-साथ कौशल विकास, क्षमता विकास, चिकित्सा सेवा का विस्तार, शिक्षा, पर्यटन, आजीविका और खेल के क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता है। बेहतर और अपेक्षित परिणाम के लिए सामुदायिक सहभागिता बहुत ही आवश्यक है।
उक्त विचार जिले के नव पदस्थ कलेक्टर डॉ दीपक सोनी ने जिले के पत्रकारों से पहली बार मुखातिब होते हुए व्यक्त किए /उन्होंने कहा कि जिले की 95% आबादी ग्रामीण क्षेत्र में और 5% आबादी शहरी क्षेत्र में निवास करती है इसलिए सभी वर्ग समुदाय के विकास के लिए गांव गरीब और किसान के विकास की दिशा में काम करना जरूरी है। बेहतर शिक्षा, बेहतर चिकित्सा, रोजगार, कौशल उन्नयन व क्षमता विकास के साथ ही अधोसंरचना और विभिन्न क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे।
जहां चुनौती, वहां काम करने के अवसर
पत्रकारों ने जब कलेक्टर दीपक सोनी से पहुंच विहीन और जंगलों से घिरे ओडगी विकासखंड में अधोसंरचना की कमी को पूर्ण करने के लिए चुनौतीपूर्ण ढंग से काम करने की बात कही तो युवा कलेक्टर दीपक सोनी ने बहुत ही सहजता के साथ कहा कि जहां चुनौतियां हैं वही काम करने के अवसर भी हैं। हर चुनौतियों का सामना करेंगे और बेहतर से बेहतर काम करने की कोशिश करेंगे।
जन घोषणा पत्र और शासन की योजनाओं को ईमानदारी से करेंगे लागू –
कलेक्टर दीपक सोनी ने पत्रकारों से कहा कि जिले में हर संभावनाओं पर काम किया जाएगा। शासन की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और जन घोषणा पत्र में शामिल विषयों को सतह पर उतारने के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने शासन की गोठान योजना का जिक्र करते हुए कहा कि जिले के अधिकारियों की 15 सदस्यिय टीम को नागपुर के देवला पारा अध्ययन के लिए भेजा जा रहा है। वहीं वन अधिकार पट्टा के माध्यम से आजीविका वर्धन के अध्ययन के लिए 5 सदस्यिय टीम गढ़चिरौली जाएगी। उन्होंने बताया कि गढ़चिरौली में फॉरेस्ट मैनेजमेंट प्लान का कानसेप्ट है। जिसका अध्ययन कर जिले में लागू किया जाएगा वहीं गोठान से संबंधित योजना के तहत महिला स्व सहायता समूह के द्वारा बेहतर ढंग से 40 प्रकार के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। जहा आजीवीका वर्धन हो रहा है। जिसे जिले में लागू करने की योजना है।
ओड़गी क्षेत्र में शहद संग्रहण और वनोंपज आधारित लघु उद्योग की है योजना –
ओड़गी जैसे वनांचल एवं पहुंचविहिन क्षेत्र में शहद संग्रहण और वनोंपज आधारित लघु उद्योगों की स्थापना की योजना तैयार की जा रही है। मधुमक्खी पालन की इस योजना से हाथी नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। वहीं वनोपज आधारित लघु व कुटीर उद्योगों से क्षेत्र के वनवासी बंधुओं को रोजगार के अवसर और आजीविका वृद्धि का मार्ग मिलेगा। जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
कुदरगढ़ में रोप वे प्रोजेक्ट पर करेंगे काम –
जिले के कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि डोंगरगढ़ की तर्ज में कुदरगढ़ धाम में भी रोप वे लगाने का प्रोजेक्ट प्रस्तावित है। शासन स्तर पर इस योजना को साकार रूप दिया जा रहा है। रोपवे प्रोजेक्ट को अंतिम रूप देने के लिए जो भी हो सकेगा हर संभावनाओं पर काम करेंगे। कुदरगढ़ को जिले का प्रमुख पर्यटन व दार्शनिक केंद्र बनाने की दिशा में तो काम करेंगे ही साथ ही जिले के अन्य पर्यटन स्थलों का भी विकास होगा।