
रायपुर । जनता कांग्रेस छतीसगढ़ (जे) के राजनीतिक सचिव अशोक शर्मा ने कहा है कि 3 फरवरी को सुकमा के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र गोडेलगुहा में पुलिस फायरिंग के दौरान दो आदिवासी महिलाओं की मृत्यु के पश्चात आबकारी मंत्री द्वारा मुआवजा की राशि को मृत परिवारों को देने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि आबकारी और उद्द्योग मंत्री मुआवजे की मांग कर रहे हैं तो जाहिर है मामला सही है इन्हें बस्तर की हर घटना की जानकारी रहती है? चाहे पुलिस फायरिंग में दो आदिवासी महिलाओं की मृत्यु का मामला हो। अभी पुलिस वालों की शिकायत हुई है जिस आधार पर सरकार ने न्यायिक जांच का आदेश दिया है। जांच पूरी नहीं हुई और सरकार के जिम्मेदार मंत्री ने जो उसी क्षेत्र से सम्बंधित हैं बेकसूर होने का निष्कर्ष करार दे दिया, जो मंत्री की साफ नियत का परिचायक है।
हाल प्रदेश में सरकार बदली है किन्तु लगता है की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की तरह ही इस सरकार को आने के बाद भी बस्तर क्षेत्र में निरीह आदिवासियों के साथ हिंसात्मक खिलवाड बंद नहीं हुआ है।
शर्मा ने कहा की उक्त मामले में मानवाधिकार आयोग के कार्यकर्ताओं तथा मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार प्राथमिक स्तर पर दोषी लोगों के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया जाए और मुआवजे की राशि दोषी लोगों से वसूल कर सरकार दे।
शर्मा ने कहा कि सरकार के द्वारा नक्सली समस्या के समाधान के लिये किसी प्रकार का कोई कारगर उपाय ना कर मात्र बयानबाजी की जाती रही है। यह स्थिति पूर्व भाजपा सरकार के समय भी थी । लगता भाजपा एवं कांग्रेस दोनो एक ही थाली के चट्टेबट्टे हैं।