
बिलासपुर /जिले के बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के करीब आधा दर्जन से अधिक गांव के किसान चार साल बीत जाने के बाद अधिग्रहित जमीन का मुवावजा नहीं मिलने से ख़ासे नाराज़ है किसानों ने एक पत्रकार वार्ता के जरिये बताया की कडरी डेम और ख़ौर डगनिया के नहर नार जलाशय परियोजना की नहर कार्य के लिए सैकड़ो किसानो की जमींन का अधिग्रहण प्रशासन द्वारा किया गया है।
शासकीय कार्य के बदले किसान और ग्रामीणों की जमींन अधिग्रहण के बाद मुआवजा नहीं मिलने की शिकायते अब आम हो चली है। बिलासपुर जिले के बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों किसान अधिग्रहित भूमि के बदले मुआवजा मिलने का इंतजार पिछले चार सालों से कर रहे हैं । किसानों ने बताया की कुछ ऐसे भी कृषक है जो आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है उनके सामने अब रोजी रोटी का संकट मुंहबाय खड़ा है। पत्रकार वार्ता के जरिये प्रभावित किसान ने बताया की जल संसाधन विभाग साल 2013 में नहर निर्माण का काम जमींन अधिग्रहण के पश्चात पूरा कर चूका है लेकिन कुछ विभागीय अफसर मामले में लीपा पोती कर जमींन अधिग्रहण का मामला वर्ष 2016-2017 में बनाकर सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर रहे है। जल संसाधन और राजस्व विभाग में सामन्जस्य का अभाव है साथ ही भाजपा सरकार ने कमीशन खोरी का खेल चरम पर है। जिसके चलते किसान अकालमृत्यु का शिकार हो रहा है।
इसके अलावा किसानों ने राज्य सरकार की भू- अर्जन निति पर भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। पत्रकार वार्ता के जरिये प्रभावित किसानों ने राशनकार्ड, फसल बीमा के नाम पर हो रही धांधली का भी जिक्र किया है। अधिग्रहित भूमि का मुआवजा दिलाए जाने व किसानों के साथ बरती जा रही दोहरी निति पर सरकार समय रहते ध्यान नही देती है तो किसान आंदोलन के लिए बाध्य होंगे जिला कांग्रेस समिति के सदस्य और किसान नेता अजय सिंह और अनिल सिंह चौहान ने तय समय सीमा पे मांग पूरी न होने पर 24 जनवरी को बेलतरा में राष्ट्रिय मार्ग अंबिकापुर – बिलासपुर पर नाके बंदी कर उग्र प्रदर्शन की बात कही।