बिलासपुर/समितियों में ज्यादा धान जमा न हो, मिलर्स द्वारा किये जाने वाला धान का उठाव संतोषजनक नहीं है। विपणन अधिकारी इस पर ध्यान दें। मार्कफेड के प्रबंध संचालक अन्बलगन पी. ने आज संभाग स्तरीय बैठक में उक्ताशय का निर्देश दिया।
धान खरीदी, मिलिंग, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए आज बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग के सभी जिलों के खाद्य नियंत्रक, खाद्य अधिकारी, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम, जिला विपणन अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, राज्य भण्डार गृह निगम, सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं, आॅयल कंपनी के सभी जिले के नोडल अधिकारियों की बैठक सिंचाई विभाग के प्रार्थना भवन में आयोजित की गई।
बैठक में अन्बलगन पी. ने कहा कि समितियों से धान का उठाव 20 फरवरी तक मिलर्स को करना है। मिलर्स के द्वारा उठाव के बाद शेष बचे धान को संग्रहण केन्द्र में जमा करें। उन्होंने उसना धान की मिलिंग को भी प्राथमिकता देने कहा। जितने भी उसना मिल है, उनका रजिस्टेªशन करने और उनकी संपूर्ण क्षमता के साथ मिलिंग कराने कहा। उन्होंने सभी जिलों की धान खरीदी की जानकारी ली। बिलासपुर जिले में पिछले साल की तुलना में इस वर्ष एक लाख टन कम खरीदी की संभावना है। इस वर्ष 2 लाख 80 हजार मेट्रिक टन खरीदी का अनुमान है। अब तक 2 लाख 25 हजार मेट्रिक टन की खरीदी हुई है। धान परिवहन की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि जितने मात्रा के परिवहन का परमिट कटा है। उनका परिवहन जनवरी माह के अंत तक करा लें। उन्होंने बताया कि इस वर्ष धान खरीदने के लिए टोकन व्यवस्था लागू की गई है, जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं। धान खरीदी के लिए 10 दिन शेष बचे हैं। किसानों को 20 तारीख तक टोकन वितरित हो जाये। अंतिम समय पर टोकन न दें। समितियों में 31 जनवरी को रात 12 बजे के बाद एन्ट्री नहीं होगी और साफ्ट वेयर लाॅक कर दिया जायेगा तथा किसी भी स्थिति में अनलाॅक नहीं किया जायेगा। इसके अनुरूप व्यवस्था बनाई जाये। अंतिम समय में आने वाले धान को लेकर सावधानी रखने हेतु निर्देशित किया। सरगुजा संभाग में धान के दैनिक आवक को लेकर उन्होंने चिन्ता जताई और इसकी जांच कराने कहा। उन्होंने खरीदी पर कंट्रोल रखने के निर्देश दिए। प्रत्येक दिन आवक-जावक को देखकर धान परिवहन का प्लान बनाया जाये। उन्होंने धान खरीदी की अंतिम दिवस की तैयारी हेतु निर्देशित किया।
खाद्य विभाग के संचालक डी.के. सिंह ने कहा कि नोडल अधिकारी अपने-अपने उपार्जन केन्द्र में 31 जनवरी को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। खरीदी के लिए जितना धान आयेगा, उसी दिन तौल हो जाये और इसकी रिपोर्ट 1 फरवरी को कलेक्टर को दे दें। 31 मार्च को समितियों के धान का मिलान करना है। इस निर्देश का पालन सुनिश्चित करें। अवैध धान विक्रय करने वाले कोचियों एवं बिचैलियों पर कार्यवाही करें। जिस समिति में ज्यादा तेजी से आवक है, वहां दिन भर निरीक्षण की व्यवस्था बनाएं। उड़न दस्ता सत्त निरीक्षण करें और अच्छी कार्यवाही हो। अवैध धान की आवक को रोकने के लिए ढिलाई न हो।
बैठक में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई। बैठक में खाद्य विभाग के विशेष सचिव मनोज सोनी, नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक श्री जैन, अपर संचालक खाद्य जायसवाल विशेष रूप से उपस्थित थे।